आठ किलोमीटर दूर झारखंड के देवरी घाट के आसपास मिली एसडीआरएफ को सफलता स्थानीय प्रतिनिधि व युवकों ने भी किया सहयोग प्रतिनिधि, नौहट्टा आठ घंटे तक सोन नदी में कड़ मशक्कत कर घटनास्थल से आठ किलोमीटर की दूरी पर सोन नदी में बहते चाचा-भतीजा के शवों को खोज निकाला गया. शनिवार को नागेश्वर शर्मा अपने चाची सनकलिया देवी के अंतिम संस्कार परिवार व गांव के लोगो के साथ करने गये थे. घाट पर स्नान करने के दौरान नागेश्वर शर्मा (65), पुत्र रंजन शर्मा (20), भतीजा रितेश शर्मा गहरे पानी में डूब गये थे. घटना की सूचना पर सीओ हिंदुजा भारती, एसआइ विनोद सिंह, अनामिका कुमारी, प्रवीण कुमार के साथ सैकड़ों लोग सोन घाट पहुंच गये. स्थानीय गोताखोरों की मदद से रंजन शर्मा को मृत अवस्था में खोजा गया. उसका शव पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शनिवार को भेज दिया था. चाचा-भतीजे के शव काफी प्रयास के बाद भी नहीं मिले. सीओ ने एसडीआरएफ की टीम को सूचना दी. 10 लोगों की टीम सतेंद्र यादव के नेतृत्व में शनिवार की देर शाम दो बोट के साथ पहुंची, लेकिन अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू नही चलाया गया. रविवार की सुबह एसडीआरएफ की टीम के साथ समाजसेवी सनोज राय, नवारा के विनय पासवान, राजू चौधरी व उल्ली के धनंजय चौधरी सोन में उतरे. पहले तीन किलोमीटर की घेराबंदी की गयी, लेकिन लाश नहीं मिली. पुनः तीन किलोमीटर आगे घेराबंदी की गयी. तीसरा चक्र जब एसडीआरएफ ने शुरू किया, तब झारखंड के देवरी बुधुआ के बीच भतीजा रितेश शर्मा और देवरी घाट से ऊपर पूर्णाडीह के आसपास नागेश्वर शर्मा की लाश करीब दो बजे मिली. दोनों शवों को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद जुगाड़ गाड़ी के माध्यम से देवीपुर लाये गये. देवीपुर में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया कर दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सासाराम भेज दिया. सीओ ने बताया कि मुआवजा की प्रक्रिया की जायेगी. एसडीआरएफ की टीम में रामकृष्ण द्विवेदी, मनोज कुमार, प्रेम कुमार, राजीव कुमार, रितेश कुमार, उमेश कुमार आदि थे. शव को खोजने में अंगद शर्मा, संतोष राय, विनय पासवान, धर्मेंद्र शर्मा, बहादुर शर्मा, अशोक शर्मा, सुनील शर्मा, राकेश शर्मा ने काफी सहयोग किया.
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