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Sasaram News : स्वच्छ साथी की नियुक्ति का मामला अटका

नगर निकायों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए स्वच्छ साथी का चयन होनेवाला था. लेकिन, इनकी नियुक्ति का मामला अब अटक गया है.

सासाराम नगर. नगर निकायों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए स्वच्छ साथी का चयन होनेवाला था. लेकिन, इनकी नियुक्ति का मामला अब अटक गया है. नगर निगम में 13 स्वच्छ साथी की नियुक्ति होनेवाली थी, जिसके लिए करीब 45 से अधिक अभ्यर्थियों ने निगम में आवेदन दिया था. इन अभ्यर्थियों का निगम ने इंटरव्यू लिया था और स्क्रूटनी कर अभ्यर्थियों का नाम शॉर्टलिस्ट भी कर लिया गया था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नामों की घोषणा से पहले ही विभाग के निर्देश पर इसे रोक दिया गया है. हालांकि, यह आदेश लिखित नहीं है. इस संबंध में नगर आयुक्त विकास कुमार से पूछने पर बताया कि इसमें कुछ तकनीकी खामियां है, जिसे दूर कर अभ्यर्थियों का चयन किया जायेगा. हालांकि, यह चयन फाइनल कब होगा? इसके संबंध में नगर आयुक्त ने फिलहाल कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया. निकायों के लिए तय की गयी थी संख्या- नगर निगम, नगर पर्षद और नगर पंचायत के लिए स्वच्छ साथी की संख्या अलग-अलग तय की गयी थी. नगर पर्षद में इसकी संख्या 10 और नगर पंचायतों में इनकी संख्या पांच तय की गयी थी. इसके लिए नगर विकास व आवास विभाग की ओर से दिशा निर्देश जारी किया गया था, जिसमें स्वच्छ साथी के चयन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी थी. इसके अनुसार स्वच्छ साथी के लिए कोई भी भारतीय नागरिक आवेदन कर सकता है और कम से कम मैट्रिक पास हो. इनके चयन के लिए विज्ञापन निकाला गया था. ट्रेनिंग कराकर सौंपनी थी जिम्मेदारी- स्वच्छ साथी का चयन होने के बाद उन्हें वार्ड आवंटित किया जाता. इसके पहले उन्हें ट्रेनिंग देनी थी और सभी जिम्मेदारियों से अवगत कराया जाना था. चयनित स्वच्छ साथी की कार्य अवधि प्रतिदिन न्यूनतम पांच घंटे रखी गयी थी. छुट्टी के लिए निकाय के नियम का पालन किया करना था. इनको मानदेय के रूप में प्रतिदिन 300 रुपये देना तय किया गया था. प्रतिमाह 20 दिन का मानदेय देना था. इनका मानदेय प्रत्येक माह में एक से पांच तारीख के बीच में सीधे खाते में भुगतान करना था. संविदा के आधार पर इनका चयन एक वर्ष के करना था, जिसकी अवधि अक्तूबर 2026 तक बढ़ायी जा सकती थी. लोगों को स्वच्छता के प्रति करना होगा जागरूक- इनके कार्यों के बारे में विभाग ने 19 प्वाइंट में स्पष्ट निर्देश दिया था, जिसमें लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें और क्या कार्य करने हैं? स्वच्छ साथी को अपने संबंधित वार्ड के सभी घरों का भ्रमण करना व स्वच्छता से संबंधित जानकारी जुटाना था. घर के मुखिया को कचरे को अलग-अलग कर होम कम्पोस्टिंग के लिए प्रेरित करना था. साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक व प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग को बंद करने के लिए प्रेरित करना था. सामुदायिक शौचालय व सार्वजनिक शौचालय की स्थिति से लोक स्वच्छता पदाधिकारी को अवगत कराना था. इसके अलावा स्वच्छ सर्वेक्षण की सभी गतिविधियों में सहयोग भी करना था. इस सर्वेक्षण के दौरान सिटीजन फीडबैक के लिए घर-घर जाकर एप के माध्यम से फीडबैक रजिस्टर करना था. साथ ही वार्ड के वैसे घरों व प्रतिष्ठानों का पहचान करना था, जो प्रतिदिन 100 किलोग्राम से अधिक कचरा जनरेट करते हैं.

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