कोचस. समय धान कटनी और गेहूं बुआई का है. ऐसे में खेतिहर शिक्षक खासे परेशान हैं. इसी मौसम के लिए उन्होंने सीएल (आकस्मिक अवकाश) बचाकर रखा था. लेकिन, एक साथ बड़ी संख्या में शिक्षकों द्वारा सीएल आवेदन देने से कई स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित होने लगा. हेडमास्टरों की इस परेशानी का समाधान निकालते हुए कोचस के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने एक अक्त्तूबर को आदेश जारी किया कि दिसंबर माह में शिक्षकों का अवकाश आवेदन हेडमास्टर द्वारा बीइओ कार्यालय भेजा जायेगा और वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही अवकाश मान्य होगा. मामला अधिकार और प्रावधान के साथ बच्चों की पढ़ाई से जुड़ा है. सीएल का प्रावधान सरकार ने किया है और इसका उपयोग शिक्षकों का अधिकार है, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त बनाये रखना भी जरूरी है. इसी संतुलन के बीच अब नयी व्यवस्था को लेकर शिक्षकों में असंतोष बढ़ गया है. कई शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहले सीएल प्रधान शिक्षक या प्रधानाध्यापक ही स्वीकृत करते थे. बीइओ केवल उनके अवकाश का अनुमोदन करते थे. लेकिन, अब अचानक नया आदेश जारी कर दिया गया, जो शिक्षकों के अधिकार पर प्रहार जैसा है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आदेश वापस नहीं हुआ, तो बीआरसी का घेराव किया जायेगा. यह भी ज्ञात हो कि हर साल दिसंबर में एक साथ कई शिक्षकों के अवकाश लेने से स्कूलों में पढ़ाई बाधित होती रही है. क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक हमारे स्कूल में कुल 21 शिक्षक कार्यरत हैं और प्रतिदिन 14 कक्षाओं का संचालन होता है. अगर एक साथ छह से अधिक शिक्षक अवकाश पर चले जाएं तो पठन-पाठन प्रभावित होने लगता है. हालांकि, सीएल प्रावधान के अनुसार हमें रोकने का अधिकार भी सीमित है. बिनोद कुमार सिंह, प्रधानाध्यापक, राजकीय मध्य विद्यालय कोचस हमारे स्कूल में 13 शिक्षक हैं, जिनमें से दो डेपुटेशन पर हैं. ऐसे में दो-तीन शिक्षकों का भी एक साथ अवकाश पर जाना पढ़ाई को प्रभावित करता है. न तो रोक सकते हैं, न ही व्यवस्था सुचारू रह पाती है. मनोज कुमार, प्रधानाध्यापक, राजकीय मध्य विद्यालय बरहूति कलां क्या कहते हैं अधिकारी प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अरविंद कुमार ने कहा कि दिसंबर माह में पठन-पाठन निर्बाध रूप से चल सके, इसलिए यह आदेश निर्गत किया गया है. यदि किसी शिक्षक को अवकाश की अत्यंत आवश्यकता है, तो प्रधानाध्यापक के माध्यम से आवेदन भेजने पर अवकाश स्वीकृत कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि मेरी जिम्मेवारी है कि स्कूलों में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त रहे. अब कोई खेती के लिए अवकाश लेगा, तो क्या यह उचित है? हम सभी बच्चों की शिक्षा के लिए पदस्थापित हैं.
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