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sasaram News: चार कमरों में होती है नौवीं से 12वीं तक के बच्चों की पढ़ाई

अनदेखी. प्रभात खबर की टीम ने विद्यालय की पड़ताल की, तो मिली कई खामियां, शिक्षकों व कमरों की कमी से जूझ रहा रामरुप उच्च माध्यमिक विद्यालय, नौवीं कक्षा में नामांकित हैं 240 बच्चे, पहुंचे थे 160

काराकाट.

बिहार की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए राज्य सरकार शिक्षा नियमावली में लगातार बदलाव कर रही है. ताकि, शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर शिक्षा को लेकर आमूल चूल परिवर्तन हो और बिहार शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी हो सके. शिक्षा व्यवस्था व स्कूलों में पढ़ाई की स्थिति की मुआयना के लिए शुक्रवार को प्रभात खबर की टीम प्रखंड क्षेत्र के रामरूप उच्च माध्यमिक विद्यालय 2 गोड़ारी पहुंची. 9.30 बजे स्कूल का गेट खुला मिला. अंदर प्रवेश किया, तो छात्रों की संख्या काफी कम दिखी. लेकिन सभी शिक्षक समयानुसार स्कूल में उपस्थित थे. 9.32 बजे प्रधानाचार्य अपने कार्यालय में मौजूद मिले. कुछ समय प्राचार्य से वार्ता करने पर पता चला कि स्कूल शिक्षक और कमरों का घोर अभाव है. 10वीं व 12वीं के छात्र-छात्राएं सेंटअप होने से उसकी क्लास बंद कर दी गयी हैं. ऐसे में वर्तमान में सिर्फ नौ वर्ग के ही बच्चे पढ़ाई के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं. नौवीं कक्षा में नामांकित बच्चों की संख्या 240 हैं. लेकिन, बुधवार को 160 बच्चें की स्कूल पहुंच सके थे. हालांकि स्कूल परिसर से लेकर शौचालय तक में सफाई व्यवस्था दुरुस्त देखी गई.

एक कमरा जर्जर, तीन में होती है पढ़ाईरामरुप हाइस्कूल में नौंवीं से लेकर 12वीं क्लास तक के करीब आठ सौ बच्चे पढ़ते हैं. हालांकि, 10वी और 12वी के बच्चों को सेंटअप होने से उनका क्लास बंद हो गया है. फिर भी सिर्फ नौ वर्ग में ही 240 बच्चे नामांकित हैं. स्कूल में बच्चों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद महज चार कमरा ही मौजूद हैं. इसमें से भी एक कमरा पूरी तरह जर्जर है. ऐसे में तीन कमरों में ही बच्चों का क्लास चलता है.

44 शिक्षकों के जगह महज 10 नियुक्त, कैसी होगी गुणवत्तापूर्ण पढ़ाईविभाग के नियमावली के तहत स्कूल में एक वर्ग के लिए 11 शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए. ऐसे में उक्त स्कूल को प्राचार्य समेत कुल 44 शिक्षकों की आवश्यकता है. लेकिन नौंवीं से 12वीं क्लास के लिए स्कूल में प्राचार्य समेत महज 10 ही शिक्षक मौजूद हैं. ऐसे में स्कूल में शिक्षक व कमरों की कमी से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

नहीं मिल रहा स्वच्छ पानीबच्चों को स्वच्छ पानी मुहैया कराने के लिए स्कूल में वर्ष 2020-2021 में सांसद मद से आरओ लगाया गया था. लेकिन, लगने के कुछ ही दिन बाद आरओ खराब हो गया. तब से अभी तक खराब पड़ा है. ऐसे में स्कूली बच्चें दूषित पानी पीने को मजबूर है.

कंप्यूटर की शिक्षा बाधितप्रधानाचार्य अमरेश कुमार के अनुसार स्कूल में सीसीटीवी कैमरा चालू है. कंम्प्यूटर की सुविधा भी उपलब्ध है. लेकिन, स्कूल में कमरा का काफी अभाव है. ऐसे में कमरे के अभाव में कम्प्यूटर की पढ़ाई नहीं हो पा रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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