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sasaram News : मौसम ने बदला मिजाज, ठंड की आहट के साथ बढ़ीं मौसमी बीमारियां

सीएचसी चेनारी में 65% मरीज मौसमी रोगों से ग्रसित, डॉक्टरों ने दी सतर्कता की सलाह

चेनारी़ अक्त्तूबर के दूसरे सप्ताह में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है. एक सप्ताह पहले तक जहां गर्मी का असर बना हुआ था, वहीं अब सुबह और रात में ठंडक महसूस की जा रही है. रविवार को हुई हल्की बूंदाबांदी के बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गयी है. पहले जहां रात में बिना पंखे के पसीना आता था, वहीं अब एसी या पंखा चलाने पर हल्की ठंड महसूस हो रही है. बावजूद इसके, लोग रात में एसी और पंखा चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. गर्मी अब विदा ले रही है और ठंड धीरे-धीरे दस्तक दे रही है. मौसम में इस बदलाव के कारण लोग मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. दिन का तापमान जहां गर्म है, वहीं सुबह और रात का तापमान तेजी से गिर रहा है. इसी असंतुलन के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चेनारी से लेकर निजी क्लिनिकों तक मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. चिकित्सकों के अनुसार, इस समय ओपीडी में आने वाले करीब 65 प्रतिशत मरीज मौसमी बीमारियों से ग्रसित हैं. इनमें अधिकतर लोग वायरल फीवर, सर्दी, खांसी, गले में कंजेशन और रनिंग नोज की शिकायत लेकर आ रहे हैं. बुजुर्ग और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. एक सप्ताह पहले जहां अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड था, वहीं अब न्यूनतम तापमान घटकर 23 डिग्री सेंटीग्रेड पर आ गया है, जबकि अधिकतम तापमान लगभग 31 डिग्री दर्ज किया गया. तापमान में इस उतार-चढ़ाव से शरीर को एडजस्ट करने में कठिनाई हो रही है, जिससे लोग बीमार पड़ रहे हैं. वर्तमान में सीएचसी चेनारी की ओपीडी में रोजाना 150 से 180 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, जिनमें से अधिकांश मौसमी बीमारियों से ग्रसित हैं. यही स्थिति प्राइवेट क्लिनिकों में भी देखी जा रही है. लापरवाही बढ़ा रहीं बीमारियां: मौसम में बदलाव के बावजूद लोग सतर्कता नहीं बरत रहे हैं. रात में एसी और पंखे का उपयोग जारी है, जिससे सर्द-गर्म का असर तेजी से पड़ रहा है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चेनारी के चिकित्सक डॉ कृष्ण कुमार ने बताया कि इस मौसम में सर्दी, खांसी, गले में कंजेशन, वायरल फीवर और सीजनल बुखार के मरीज बढ़ गये हैं. साथ ही डेंगू और टाइफाइड के भी कुछ मामले सामने आ रहे हैं. डॉ कुमार ने कहा कि इस मौसम में रात में एसी या पंखे का उपयोग न करें और बच्चों व बुजुर्गों को ठंड से बचाएं. तापमान में अचानक कमी नवजातों के लिए खतरनाक साबित हो रही है. कई बच्चे सर्दी और खांसी के बाद निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं. वहीं दिन में गर्मी के कारण लूज मोशन की शिकायतें भी बढ़ी हैं.

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