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sasaram News : हिदायत के बाद भी शहर के होटलों में फायर सेफ्टी की अनदेखी

अग्निशमन विभाग के नोटिस के बावजूद कई नहीं लिया फायर सेफ्टी का एनओसी, शहर में करीब 50 से अधिक होटल, 90 फीसदी मानक को नहीं मान रहे

सासाराम ग्रामीण. बिहार की राजधानी पटना में गत वर्ष 25 अप्रैल को पाल होटल में हुए भीषण अग्निकांड से शहर के होटल संचालक अब तक सबक नहीं ले रहे हैं. इस अग्निकांड के दौरान पाल होटल में तो आग लगी ही थी, उसके बगल में स्थित अमृत होटल भी आग की चपेट में आ गया था. इसमें करीब आठ लोगों को झुलसने से मौत हो गयी थी. इसके साथ लाखों के समान जलकर खाक हो गया था. लेकिन, शहर में संचालित होटलों में फायर सेफ्टी की अनदेखी हो रही है. यदि होटलों में कभी आग लग जाये, तो इस दौरान बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता. क्योकि, बिहार विधानसभा चुनाव का कुछ ही दिनों के भीतर घोषित होना है. इसके पूर्व चुनावी सभाएं सहित अन्य दलों व संगठनों के कार्यक्रम लगातार आयोजित हो रहे हैं. इसमें विभिन्न प्रदेशों से पार्टियों के बड़े नेता जिले में पहुंच रहे है. वह एक दो दिन तक जिले में रुक भी रहे हैं. लेकिन, होटलों में जहां उनका ठहराव हो रहा है, लेकिन फायर सेफ्टी नहीं होने के कारण लोग सहज महसूस नहीं कर रहे है. उन होटलों में खतरा अधिक बढ़ जाता है. इनके यहां रेस्टोरेंट या फिर रसोई है. शहर के एकाध होटलों में फायर सेफ्टी की सामग्री व सुविधा है. अधिकतर होटलों में एनओसी की बात तो दूर, आग से बचाव के लिए निर्धारित सामग्री भी नहीं है. इसको लेकर होटलों को विभाग के द्वारा पूर्व में नोटिस भी निर्गत किया गया था. होटल संचालक को हिदायत भी दी गयी थी. विभाग के अनुसार वर्तमान समय में शहर में करीब 20 बड़े होटल व 50 से अधिक छोटे होटल संचालित हो रहे हैं. विभागीय प्रावधान व होटल बिल्डिंग नियमावली के अनुसार होटलों को विभाग से फायर सेफ्टी एनओसी लेना है. इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष उसे रिन्यूअल भी करना है. शहर के रोहित इंटरनेशनल, होटल विनायक, नटराज, मंगलम उत्सव, जय डिल्कस सहित कई ऐसे होटल है, जो फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं. बावजूद इसके संचालक इस विषय को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. फायर सेफ्टी का ऑडिट नहीं कराते होटल संचालक

आग से बचाव के लिए होटलों में मॉकड्रिल व फायर सेफ्टी का ऑडिट होना आवश्यक है. मानकों पर खरा नहीं होने की वजह से होटल संचालक फायर सेफ्टी ऑडिट नहीं कराते. होटल संचालक ऐसा नहीं लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. शहर में करीब 50 से अधिक होटल हैं. इनमें से 90 फीसदी होटल संचालक मानक को नहीं मान रहे है.

क्या है नियम

-सेटबैंक (होटल के चारों ओर खुला स्थान होना जरूरी) है.

-होटल में कम से कम दो चौड़ी और ढलान युक्त सीढ़ियां होनी चाहिए.

-फायर स्टेप यानी होटल में इमरजेंसी बाहरी सीढ़ी भी आवश्यक

– होटलों में अलार्म के साथ होजरील होने चाहिए, जो आग बुझाने में सहायक होते हैं.

-परिसर या उसके आसपास फायर हाइड्रेंट होना चाहिए.

-होटलों के कमरों में वेंटिलेशन के लिए खिड़की होनी चाहिए.

– फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचने का सुगम मार्ग.

कहते हैं अधिकारी.

फायर सेफ्टी के नियमों के तहत होटल व रेस्टूरेंट संचालको को विभाग से एनओसी के लिए तत्कालिन अधिकारी के द्वारा नोटिस जारी किया जा चुका है. मुझे तो अभी प्रभार ग्रहण के कुछ दिन ही हुए हैं. अभी तो त्योहार का मौसम चल रहा है. जिन होटलों को नोटिस पूर्व में निर्गत किया गया है, उनकी सूची के अनुसार उस होटलों की जांच करने की मुहिम चलायी जायेगी. नियम का अनुपालन नहीं करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई भी होगी. —सुनीती कुमारी , अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी, सासाराम.

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