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242 का यूरिया 400 रुपये में खरीदने को विवश हैं किसान

SASARAM NEWS.यूरिया खाद की कालाबाजारी से क्षेत्र के किसान परेशान हैं. दरअसल खाद की कमी का हवाला देकर 242 में मिलने वाला यूरिया खाद 400 रुपये में खाद विक्रेता किसानों को बेच रहे हैं. जिससे किसानों के लिए महंगे दर यूरिया खाद खरीद पाना मुश्किल हो रहा है.

खाद की कालाबाजारी से किसानों की बढ़ी परेशानी, अधिकारी बने मूकदर्शक

यूरिया खाद का सरकारी मूल्य 45 किलो के लिए 242 रुपये ही निर्धारित

राजपुर.

यूरिया खाद की कालाबाजारी से क्षेत्र के किसान परेशान हैं. दरअसल खाद की कमी का हवाला देकर 242 में मिलने वाला यूरिया खाद 400 रुपये में खाद विक्रेता किसानों को बेच रहे हैं. जिससे किसानों के लिए महंगे दर यूरिया खाद खरीद पाना मुश्किल हो रहा है.जबकि खेतों में यूरिया खाद देने का समय भी हो गया. ऐसे में अगर वो समय से फसलों में खाद नहीं देते हैं, तो फसल पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. जिसके डर से किसान महंगे डर पर भी यूरिया खाद खरीदने को विवश है. जिसका फायदा उठाकर विक्रेता मोटी कमाई कर रहे हैं. वहीं, लगातार मिल रही शिकायतों के बावजूद भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है. बता दें कि किसान अपने खेतों की निकौनी अर्थात सोहनी करने के बाद अपने धान की फसलो में यूरिया खाद का छिड़काव करते हैं. व्यवसायी इसी का लाभ उठा किसानों से सरकारी मूल्य की बजाय मनमानी दर 400 रुपये 45 किलो की प्रति बैग बेच रहे हैं. जबकि सरकारी मूल्य 45 किलो का 242 रुपये ही निर्धारित है. लेकिन, खाद विक्रेताओं ने मनमानी दाम किसानों से वसूल रहे हैं.

क्या कहते हैं किसान

भलुआही गांव के किसान अजय कुमार पांडेय उर्फ तबली, टुन्ना पांडेय, बरना के नालेंदू पांडेय, हुसेनाबाद के जयराम सिह अकेला, नवाडीह गांव के सुरेश राम, कुझी के सहदेव तिवारी सहित अन्य किसानों ने बताया कि विक्रेता यूरिया खाद की कालाबाजारी कर मनमाने ढंग से बेच रहे हैं. इस कालाबाजारी के खेल में कृषि विभाग के अधिकारी व विक्रेता की सांठ- गांठ है. इतना ही नहीं सभी खाद विक्रेता दो तीन गोदाम रखे हुए हैं.जहां पर खाद छुपा कर रखते हैं. खाद के लिए जाने पर खाली वाला गोदाम दिखाकर कहा जाता है कि खाद नहीं है. वहीं उसका मनमानी मूल्य देने पर दूसरे गोदाम से खाद दे दिया जाता है. अधिक दर पर खाद बेचने की शिकायत बीएओ से लिखित व मौखिक रूप की गयी.लेकिन, किसानों को आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला.

क्या कहते हैं प्रखंड कृषि पदाधिकारी

इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने कहा कि पहले का खाद बिक गया होगा. जिससे यूरिया की कमी हुई होगी. यूरिया का रेक आने वाला था. अभी आया नहीं है. अधिक दर पर कौन विक्रेता यूरिया बेच रहे है. किसी ने शिकायत नहीं की है. 400 व 350 रुपये में यूरिया खाद बेचने वाले विक्रेताओं पर कार्रवाई की जायेगी.

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