करगहर. सासाराम-चौथा पर शेरशाह अभियंत्रण महाविद्यालय खडारी के पास शनिवार की रात एक तेज रफ्तार अनियंत्रित स्काॅर्पियो ने धान लदे ट्रैक्टर ट्राली में पीछे से धक्का मार दी. इससे ट्रैक्टर ट्राली पर बैठे एक मजदूर की मौत हो गयी और पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. मृतक दिनारा थाना क्षेत्र के भानस गांव निवासी स्वर्गीय हरदेव सिंह का 50 वर्षीय बेटा काशीनाथ सिंह था. वहीं, घायलों में भानस गांव निवासी राजू साह, फिरोज अंसारी, गौतम साह और हरदासपुर गांव निवासी प्रमोद कुमार व काशी यादव शामिल है. सभी घायलों को पुलिस के सहयोग से करगहर स्थित सीएचसी लाया गया. चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार करने के बाद बेहतर इलाज के लिए सभी को सासाराम सदर अस्पताल रेफर कर दिया. घटना के संबंध में करगहर थानाध्यक्ष कमल पांडेय ने बताया कि शनिवार की रात लगभग 9:30 के लगभग सासाराम-चौसा पथ पर शेरशाह अभियंत्रण महाविद्यालय के पास अनियंत्रित स्कॉर्पियो ने धान लाद कर कोचस की तरफ आ रहे ट्रैक्टर ट्राली में धक्का मार दिया. इससे ट्रैक्टर ट्राली पर बैठे दिनारा थाना क्षेत्र के भानस गांव निवासी काशीनाथ सिंह गंभीर रूप से घायल हो गये, जिन्हे इलाज के लिए सासाराम सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया. वहीं, पांच लोगों का इलाज जारी है. स्कॉर्पियो चालक गिरफ्तार उन्होंने कहा कि घटना के बाद लापरवाही से गाड़ी चलाने के आरोप में स्काॅर्पियो चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है, जो दिनारा थाना क्षेत्र के नरवर गांव निवासी राजकिशोर सिंह का बेटा धीरेंद्र कुमार है. उन्होंने कहा कि मृतक के शव को सदर अस्पताल सासाराम में पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया है. स्काॅर्पियों और ट्रैक्टर को जब्त कर थाने लाया गया है. इंजीनियरिंग कॉलेज बना एक्सीडेंटल जोन सासाराम-चौसा पथ पर स्थित शेरशाह अभियंत्रण महाविद्यालय गत डेढ वर्षों एक्सीडेंटल जोन बन गया है. डेढ वर्षों के अंदर अब तक यहां दो दर्जन सड़क दुर्घटना हो चुकी है. इसमे कई चारपहिये और दोपहिये वाहन शामिल है. लोगों की मानें, तो तीन साल पूर्व सासाराम-चौसा पथ की मरम्मत हुई थी. उस समय तकिया ओवरब्रिज से लेकर कोचस तक दर्जनों अवैध स्पीड ब्रेकर का निर्माण कर दिया गया था़ अवैध स्पीड ब्रेकर के चलते भी शुरुआती दौर में तेजी से सड़क हादसों में होने वाली बढ़ोतरी को देखते हुए जिला प्रशासन के आदेश पर तकिया से लेकर कोचस तक सभी अवैध ब्रेकर को हटवा दिया गया. लेकिन, इंजीनियरिंग काॅलेज के समीप बने ब्रेकर को नहीं हटाया गया. इससे स्पीड में आने वाली चारपहिया और दोपहिया वाहन चकमा हाकर हादसे का शिकार हो रहे हैं. इन हादसों में अब दस लोगों की मौत और एक दर्जन से अधिक लोग विकलांग होकर घर बैठे हो गये हैं. लोगों ने कहा इंजीनियरिंग कालेज पर जिस जगह स्पीड ब्रेकर है वहां पर प्रशासन और सड़क विभाग की ओर से कोई सांकेतिक बोर्ड अथवा पालिश भी नही किया गया है. इससे आये दिन लोग सड़क दुर्घटना के शिकार हो रहे है.
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