मढ़ौरा. प्रखंड के नौतन विक्रमपुर गांव में भीषण गर्मी के साथ-साथ अब पेयजल संकट ने ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. एक ओर जहां नल जल योजना पूरी तरह फेल हो चुकी है, वहीं दूसरी ओर अब जल स्तर गिरने से घरों के चापाकल भी जवाब देने लगे हैं. गांव में अधिकांश चापाकल सूख चुके हैं और जो कुछ चालू हैं, उनसे पानी काफी कम मात्रा में निकल रहा है. कई बार हैंडिल चलाने पर भी बूंद-बूंद पानी निकल रहा है, जिससे ग्रामीणों को भारी कठिनायी हो रही है. जिन घरों में चापाकल अभी चालू हैं, वहां आसपास के ग्रामीणों की भीड़ जुट रही है. लोग किसी तरह बाल्टी, ड्रम और बोतलों में पानी जमा कर अपना दिन काट रहे हैं. सरकार की बहुचर्चित नल-जल योजना ग्रामीणों की प्यास बुझाने में पूरी तरह असफल रही है. नौतन विक्रमपुर के कई वार्डों में लाखों रुपये खर्च कर पाइपलाइन बिछायी गयी, टावर और पानी की टंकी लगायी गयी. योजना का उद्घाटन भी बड़े धूमधाम से किया गया. लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह सब महज दिखावा था. योजना कुछ दिनों तक चली और फिर पूरी तरह ठप हो गयी.
तीन वर्षों से नहीं हुई नियमित जलापूर्ति
गांव के रामविलास सिंह, योगेंद्र सिंह, नीरज कुमार, हरेंद्र सिंह, कन्हैया सिंह, तारकेश्वर तिवारी, प्रभु तिवारी, अखिलेश सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से एक भी दिन नियमित जलापूर्ति नहीं हुई है. सरकार द्वारा किये गये बड़े-बड़े दावे और करोड़ों की योजनाएं धरातल पर नाकाम साबित हो रही हैं. पाइपलाइन के लिए सड़कों को तोड़ा गया, लेकिन पानी आज तक नलों से नहीं निकला. ग्रामीणों का आरोप है कि नल जल योजना भ्रष्टाचार और लूट-खसोट की भेंट चढ़ गयी. घटिया सामग्री के इस्तेमाल और देखरेख के अभाव ने इसे पूरी तरह विफल कर दिया. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव में जल संकट को गंभीरता से लेते हुए तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था की जाये. चालू चापाकलों की मरम्मत, नयी बोरिंग और असफल नल जल योजना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो.
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