छपरा. सारण जिले के विशिष्ट शिक्षक पिछले तीन महीनों से वेतन के अभाव में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, जिससे उनकी स्थिति भुखमरी के कगार तक पहुंच गयी है. खासकर होली और ईद जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान भी इन शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाया. 6938 विशिष्ट शिक्षकों ने जनवरी से ही वेतन मिलने का इंतजार किया था, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण उनका भुगतान नहीं हो पाया. अब, हालात यह हैं कि एक मार्च तक 4905 शिक्षकों का ही वेतन भुगतान हो पाया है, जबकि अब भी लगभग ढाई हजार शिक्षक वेतन के लिए इंतजार कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि उनकी मेहनत का सम्मान नहीं हो पा रहा और वे इस स्थिति पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर क्यों उन्हें तीन महीने के गैप के बाद वेतन मिल रहा है.
वेतन भुगतान में देरी का कारण
इस देरी का मुख्य कारण सीएफएमएस 0.2 के लागू होने के बाद डाटा ऑनबोर्डिंग और प्राण नंबर जेनरेशन की धीमी गति को बताया जा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि विभागीय उदासीनता के चलते यह प्रक्रिया बहुत धीमी रही, जिसके कारण वेतन समय पर नहीं मिल पाया. हर बार यही बहाना दिया गया कि राज्य से डाटा लोड होने में समय लग रहा है, जबकि अन्य विभागों में वेतन समय पर मिल जाता है.एक मार्च से अभी तक की स्थिति
सारण में कुल 7323 विशिष्ट शिक्षक पास हुए थे, जिनमें से 6938 शिक्षक फिलहाल शिक्षण कार्य कर रहे हैं. एक मार्च तक 5835 शिक्षकों का डाटा प्राप्त हुआ था और इनमें से 4905 शिक्षकों को ही वेतन मिल पाया है. इसका मतलब यह है कि अभी भी 2033 शिक्षक वेतन के लिए इंतजार कर रहे हैं. एक और बड़ी समस्या यह है कि विशिष्ट शिक्षक के रूप में उत्तीर्ण हुए सारण के 7323 शिक्षकों का बढ़ी हुई दर से वेतन फिक्सेशन अब तक नहीं हुआ है. इस कारण से जो भी वेतन दिया जा रहा है, वह नियोजित शिक्षक के रूप में दिया जा रहा है, जिससे शिक्षकों में नाराजगी बढ़ रही है.
मामले की जांच की जा रही है
वेतन में विलंब नहीं हो रहा है, बल्कि राज्य से जैसे-जैसे डाटा प्राप्त हो रहा है, वैसे-वैसे वेतन का भुगतान किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है कि क्यों देरी हो रही है और वेतन फिक्सेशन के बारे में भी जानकारी ली जा रही है.
विद्यानंद ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सारणडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है