छपरा. जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की. साथ ही निवारण किया. जिला पदाधिकारी ने लोक शिकायत के कुल 13 मामलों की सुनवाई की, जिसमें तीन मामले में अंतिम रूप से आदेश पारित किया गया तथा शेष 10 मामले में पूर्ण प्रतिवेदन के साथ अगली तिथि पर लोक प्राधिकार को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया. सुनवाई के दौरान सोनपुर प्रखंड के मुनेश्वर कुमार से प्राप्त एक परिवाद के मामले में मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से संबंधित आवेदन का सही ढंग से अनुश्रवण नहीं करने तथा गलत आदेश पारित के कारण प्रखंड विकास पदाधिकारी, सोनपुर से स्पष्टीकरण पूछा गया. अनुमंडल पदाधिकारी सोनपुर को उक्त मामले का अनुश्रवण करने का निर्देश दिया गया. सुनवाई के दौरान एक अन्य बनियापुर प्रखंड के झामलाल सिंह से प्राप्त परिवाद पत्र के मामले में शौचालय निर्माण के उपरांत काफी दिन बीत जाने के बावजूद संबंधित लाभुक को प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं होने के कारण प्रखंड विकास पदाधिकारी बनियापुर से स्पष्टीकरण पूछने तथा संदर्भित राशि का अविलंब भुगतान करने का निदेश दिया गया. जिलापदाधिकारी ने कहा कि लोक शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है. लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी. उन्होंने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है. सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें. जनता दरबार में 59 आवेदकों ने रखी अपनी समस्याएं जिलाधिकारी के जनता दरबार में शुक्रवार को कल 59 मामले आए. इनमें से अधिकांश 30 मामले राजस्व विभाग से संबंधित थे. इसके अलावा शिक्षा विभाग से संबंधित चार, भू-अर्जन से संबंधित पांच, पंचायत से संबंधित एक, विद्युत से संबंधित दो, स्वास्थ्य विभाग से संबंधित तीन तथा शेष अन्य प्रकार के मामले थे. जिलाधिकारी ने इन मामलों के समयबद्ध निराकरण को लेकर सभी संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निदेश दिया. पूर्व के जिलाधिकारी के साप्ताहिक जनता दरबार के दौरान सभी परिवादियों से प्राप्त परिवाद में से कुल 18 महत्वपूर्ण परिवादों पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई की. कार्रवाई के तहत संबंधित जिला स्तरीय पदाधिकारियों तथा क्षेत्रीय स्तर के पदाधिकारियों एवं संबंधित परिवादी की उपस्थिति में भौतिक रूप से तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुए सभी मामलों को अविलंब निष्पादित करने का निदेश संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

