छपरा. सदर अस्पताल में ओपीडी की दूसरी पाली में मरीजों की उपस्थिति लगातार कम होती जा रही है. मंगलवार को सेकंड शिफ्ट में इलाज के लिए महज 50 मरीज ही पहुंचे, जिससे अस्पताल प्रशासन की व्यवस्था और सुविधाओं पर सवाल उठने लगे हैं. हालांकि मेडिसिन, हड्डी तथा शिशु रोग विभागों में चिकित्सक उपस्थित रहे. लेकिन महिला विभाग में डॉक्टर ऑपरेशन में व्यस्त होने के कारण उपलब्ध नहीं थीं. इसके बावजूद जीएनएम स्टाफ सभी विभागों में सक्रिय रूप से तैनात रहे. जानकारी के अनुसार, पहली शिफ्ट में इलाज से वंचित रहे कई मरीजों को दूसरी शिफ्ट में देखा गया, लेकिन मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत कम होने के कारण कई चिकित्सक अपनी ड्यूटी का निर्धारित समय पूरा होने से पहले ही अस्पताल से निकल गये. सबसे बड़ी चिंता की बात यह रही कि दवा काउंटर पर आवश्यक एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन की अनुपलब्धता मरीजों के लिए परेशानी का कारण बनी रही. इस संदर्भ मे दवा इंचार्ज ने बताया की पिछले तीन महीनों से स्टॉक में नहीं है, जिससे मरीजों को निजी दुकानों से महंगे दामों पर दवा खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है. मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग से इस लापरवाही पर संज्ञान लेने और दवा आपूर्ति जल्द बहाल करने की मांग की है.
शाम चार से छह बजे तक चलता है सेकेंड शिफ्ट
विदित हो कि सदर अस्पताल में सेकेंड शिफ्ट शाम चार से छह बजे तक दो घंटे के लिए संचालित होता है. जबकि फर्स्ट शिफ्ट सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक चलता है. प्रतिदिन फर्स्ट शिफ्ट में औसतन 600 मरीज इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन कराते हैं. उस अनुपात में सेकेंड शिफ्ट में इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले मरीजों की संख्या काफी कम हो रही है. कई मरीजों का कहना है कि सेकंड शिफ्ट में चिकित्सक ड्यूटी से नदारद रहते हैं. ऐसे में इलाज करा पाने में दिक्कत होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

