सोनपुर. सोनपुर मेले में इस बार एक अनोखा पौधा लोगों का दिल छू रहा है लैला-मजनूं पौधा. कृषि प्रदर्शनी की नर्सरी में मात्र 100 रुपये में उपलब्ध यह पौधा अपनी सुंदरता के साथ-साथ प्रेम, सामंजस्य और रिश्तों की मजबूती का प्रतीक बनकर लोगों को आकर्षित कर रहा है. नर्सरी संचालक के अनुसार इस पौधे की दो मुख्य शाखाएं समय के साथ आपस में लिपट जाती हैं. इसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे दो मन एक सूत्र में बंधकर जीवनभर साथ निभाने का वादा कर रहे हों. संचालक कहते हैं कि यह पौधा जितना सरल है, उतना ही मन को सुकून देने वाला भी है. घर या कार्यालय में रखने से वातावरण में सहज, सकारात्मक और हरियाली से भरा एहसास फैलता है. मेले में घूमने आए दंपति सुगंधा और सुमन ने इसे खरीदते समय भावुक होते हुए कहा, “मेले में बहुत कुछ देखा, लेकिन लैला-मजनूं पौधा हमारे दिल को छू गया. जब यह बढ़ेगा, तो ऐसा लगेगा जैसे हमारा रिश्ता भी इससे ताकत पा रहा है। यह हमारे प्यार की नई याद बनकर साथ रहेगा. यह पौधा सिर्फ प्रेमी युगलों तक सीमित नहीं है. कई परिवार इसे घर की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने और आपसी सामंजस्य का प्रतीक मानकर खरीद रहे हैं. बुजुर्ग दंपत्ति भी कहते मिले कि यह पौधा उन्हें रिश्तों में एकता और पुराने दिनों का अपनापन याद दिलाता है. झारखंड से आये सैलानी भी इसे प्रेम, शांति और शुभता का प्रतीक मानकर अपने साथ ले जा रहे हैं. नर्सरी संचालक बताते हैं कि उनकी नर्सरी में कई प्रकार के पौधे उपलब्ध हैं, लेकिन लैला–मजनूं अपनी अनोखी विशेषताओं के कारण सबसे अलग है. इसके पत्ते एक ओर हरे और दूसरी ओर लाल होते हैं, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं। यह पौधा न केवल प्रेम का प्रतीक है, बल्कि गांव–समाज में विवादों से बचाने, मनों को करीब लाने और रिश्तों को मजबूत करने के लिए भी लगाया जाता है. मेले में इस अनोखे पौधे की हर तरफ चर्चा है। लोग इसे सिर्फ पौधा नहीं, बल्कि भावनाओं से भरा एक उपहार मानकर अपने साथ घर ले जा रहे हैं. एक ऐसा उपहार, जो प्रेम, सौहार्द और सकारात्मकता का संदेश देता है.
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