छपरा. मानसून पूर्व तैयारियों के तहत नगर निगम क्षेत्र में नाले की सफाई का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. शहरवासी इस बात से खुश हैं कि इस बार निगम ने समय रहते पहल की है, लेकिन राहत देने की कोशिश अब मुसीबत में बदलती नजर आ रही है. ड्रेनेज की सफाई तो शुरू कर दी गयी, लेकिन निकाले गये कचरे को सड़क पर ही छोड़ दिया गया है.
बारिश या नमी के कारण यह कचरा सड़कों पर फैलकर कीचड़ का रूप ले चुका है, जो मोहल्लों और घरों तक पहुंच रहा है. इस स्थिति से नाराज लोग अब मुख्य सड़क से होकर निकलने से कतराने लगे हैं और गली-मुहल्लों का सहारा ले रहे हैं. एक ओर जहां यह काम तेजी से हो रहा है, वहीं दूसरी ओर इसकी सही निगरानी और सफाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है.दो मिनट का रास्ता लोगों को तय करना पड़ रहा 10 मिनट में
सड़कों पर कीचड़ और दुर्गंध के चलते लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो गया है. जिस रास्ते को पार करने में दो मिनट लगते थे, अब उसमें 10 मिनट लग रहे हैं. इससे खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों, बुजुर्गों और ऑफिस कर्मियों को काफी दिक्कत हो रही है. कीचड़ और गंदगी की वजह से मच्छरों का प्रकोप भी तेजी से बढ़ गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो जल्द ही संचारी रोगों का खतरा उत्पन्न हो जायेगा. डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे रोग फैलने की आशंका व्यक्त की जा रही है.आदेश के बावजूद नहीं उठाया गया कचरा
महापौर और नगर आयुक्त द्वारा साफ निर्देश दिया गया था कि नाले की सफाई के साथ ही कचरे को हटाया जाए, लेकिन सफाई एजेंसी आदेशों की अवहेलना कर रही है. एजेंसी के कर्मचारी सिर्फ नाला साफ कर कचरा बाहर डाल रहे हैं और उसे वहीं छोड़ रहे हैं. सफाईकर्मियों का कहना है कि नगर निगम के पास गीला कचरा उठाने की मशीनें या संसाधन ही नहीं हैं. कई बार मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा होती है, लेकिन मशीनों की खरीदारी नहीं हो रही. वहीं, कर्मचारी प्राइवेट एजेंसी को भी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जिनके पास खुद के संसाधन होने चाहिए थे ताकि जनता को परेशानी न हो.पश्चिमी इलाके में भी शुरू हुई सफाई, बढ़ी चिंता
अब तक पूरब साइड से निकाले गये कचरे को हटाया भी नहीं गया था और पश्चिमी इलाकों की सफाई भी शुरू कर दी गयी है. इससे लोगों की चिंता और बढ़ गयी है कि कहीं जल्द ही बाहर निकलना ही नामुमकिन ना हो जाये. स्थानीय निवासी नागेंद्र कुमार सिंह, अखिलेश कुमार ब्यावर, आदित्य कुमार पांडे, सुशीला देवी, जयंती देवी समेत अन्य ने नगर निगम की इस लापरवाही पर नाराजगी जतायी है. उनका कहना है कि सुविधा देने की जगह दुविधा वाली स्थिति बना दी गयी है. यदि जल्द व्यवस्था नहीं सुधरी, तो यह सफाई अभियान खुद एक बड़ी समस्या बन जायेगा.क्या कहते हैं अधिकारी
सफाईकर्मियों को कचरा निकालने के साथ ही उसे उठा लेने का आदेश दिया गया है. यदि ऐसा नहीं किया गया है तो इस मामले की जांच करायी जायेगी और कार्रवाई होगी.प्रवीण कुमार, प्रबंधक, सफाई एजेंसी
मामले को गंभीरता से लिया गया है
सफाई का मतलब सफाई होता है. ऐसा नहीं है कि कचरा निकाल कर रोड पर फैला दें. हर हाल में सफाई करना है और लोगों को राहत देनी है. एजेंसी के अधिकारियों से इस मामले में बात की जा रही है.लक्ष्मी नारायण गुप्ता, महापौर, नगर निगम
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