छपरा. सारण जिले में गंगा, घाघरा और गंडक नदियों का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान को पार करता जा रहा है, जिससे 2008 और 2016 के हाई फ्लड लेवल रिकॉर्ड टूटने की आशंका गहराती जा रही है. गंगा नदी का जलस्तर गांधी घाट पर 50.09 मीटर तक पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान (48.60 मीटर) से लगभग दो मीटर अधिक है. जिला प्रशासन हाई अलर्ट मोड में है, लेकिन बाढ़ का असर अब शहरी इलाकों तक पहुंच चुका है. छपरा नगर निगम का पूर्वी हिस्सा पूरी तरह जलमग्न हो चुका है. कलेक्ट्रेट परिसर, रोड और कार्यालयों में घुटनों तक पानी भर गया है.
गांवों से लेकर जिला मुख्यालय तक हाहाकार
गंगा और अन्य नदियों के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी के चलते सोनपुर, दिघवारा, नयागांव, डोरीगंज, छपरा सदर और रिविलगंज के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि छपरा कलेक्ट्रेट, एसपी कार्यालय, पंचायत ऑफिस और आईसीडीएस कार्यालय तक में घुटनों भर पानी जमा हो चुका है. गुरुवार की सुबह कलेक्ट्रेट परिसर में पानी घुस गया. नगर निगम ने एडीएम कार्यालय के पास सकिंग मशीन से पानी निकालने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा. अधिकारियों के अनुसार, स्थिति हर घंटे बिगड़ती जा रही है.आंकड़ों में स्थिति
नदी का नाम खतरे का निशान (मीटर) वर्तमान जलस्तर (मीटर)गंगा, गांधी घाट 48.60 50.09गंडक, हाजीपुर 50.32 50.10गंडक, रेवा 54.41 53.83
घाघरा, सिसवन 57.04 56.74घाघरा, छपरा 53.68 53.09डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

