छपरा. सारण जिले में एक अप्रैल से शुरू हुए गेहूं खरीद अभियान को 35 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक केवल 78 मैट्रिक टन गेहूं की ही खरीद हो पायी है. इस धीमी गति ने सहकारिता विभाग की चिंता बढ़ा दी है. विभाग के सामने इस बार 57.39 एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य है, लेकिन अभी तक की स्थिति से स्पष्ट है कि यदि जल्द ही हालात नहीं बदले तो लक्ष्य प्राप्त करना बेहद कठिन होगा.
कृषि विभाग और एफसीआइ द्वारा जिले में कुल 178 क्रय केंद्र 173 पैक्स/सहकारी समितियां और पांच एफसीआई केंद्र खोले गये हैं, लेकिन अब तक केवल 32 किसान ही खरीद केंद्रों तक पहुंचे हैं. सभी केंद्रों पर स्टाफ व आवश्यक व्यवस्था मौजूद है, पर किसानों का न आना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है.सरकारी दर से अधिक मिल रहा बाजार में भाव
सरकार ने इस बार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जबकि पिछले साल यह दर 2275 रुपये थी. लेकिन इसके बावजूद किसान सरकारी केंद्रों के बजाय बाजार में 2600-2700 रुपये प्रति क्विंटल पर अपना गेहूं व्यापारियों को बेच रहे हैं. व्यापारी तत्काल नकद भुगतान और घर से ही फसल खरीदने की सुविधा देते हैं, जिससे किसान उनकी ओर झुकते नजर आ रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले साल भी विभाग ने गेहूं खरीद में लक्ष्य को पूरा नहीं किया था। इस बार लक्ष्य तो कम रखा गया है, लेकिन किसानों के बाजारमुखी व्यवहार और समर्थन मूल्य से अधिक दर मिलने के कारण स्थिति फिर उसी दिशा में जाती दिख रही है. सरकारी आदेश के अनुसार गेहूं खरीद की अंतिम तिथि 15 जून निर्धारित है. ऐसे में विभाग के पास अब लगभग 40 दिन शेष हैं, जिसमें लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेज प्रचार-प्रसार, ग्रामस्तरीय बैठकें और जागरूकता अभियान जरूरी होंगे.क्या कहते हैं अधिकारी
सहकारिता विभाग लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. 1200 किसानों ने रजिस्ट्रेशन भी कर लिया है. 78 मेट्रिक टन खरीदारी भी हो चुकी है. 10 से 15 दिनों में स्थिति संतोषजनक होगी.सुधीर कुमार सिंह, डीसीओ, सारण
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