दिघवारा. दिघवारा में पश्चिमी रेलवे क्रॉसिंग के समीप लगने वाले जाम से लोगों का बुरा हाल है. जाम से परेशानी बढ़ती है और समय की खूब बर्बादी होती है. लोगों का कहना है कि जाम की वजह चालकों की मनमानी भी है. आगे बढ़ने की होड़ के बीच चालक नियमों को ताक पर रखकर आगे बढ़ते हैं और फिर देखते ही देखते जाम की स्थिति विकराल बन जाती है. दिनभर में कई बार जाम में फंसना लोगों की नियति बन गयी है.
जाम में फंसकर कई बार मरीजों की जान चली जाती है तो कई बार स्कूली बच्चों का बुरा हाल हो जाता है. लंबी अवधि तक दिघवारा रेलवे क्रॉसिंग का बंद रहना एक आम सी बात हो गयी है और लगभग दो दशकों से यहां के लोग जाम की समस्या से जूझ रहे हैं. रेलवे क्रॉसिंग के जाम का असर यहां के व्यापार पर भी पड़ता है. रेलवे क्रॉसिंग के लंबी अवधि तक बंद होने के डर से दिघवारा व दरियापुर प्रखंडों के विभिन्न क्षेत्रों के खरीदार शीतलपुर पहुंच जाते हैं, शायद यही वजह है कि शीतलपुर बाजार का तेजी से विस्तार हुआ है. जाम में फंसकर स्कूली बच्चों का परेशान होना आम सी बात हो गयी है.गर्मी की तपिश के बीच लगने वाले जाम तो स्कूली बच्चों का बुरा हाल कर देता है. आलम यह है कि जब तक बच्चे सकुशल घर नहीं पहुंचते हैं, तब तक माता पिता व अभिभावकों की सांसें अटकी रहती है और स्कूल संचालक भी टेंशन में बने रहते हैं. ढाला पर सड़क पर बढ़ता अतिक्रमण भी जाम की वजह बन जाता है.
ढाला के पास सजता है एक दर्जन से अधिक सब्जी आढ़त
दिघवारा पश्चिम रेलवे ढाला के समीप लगभग एक दर्जन सब्जी आढ़त हर दिन सजता है. इन आढ़तों में दिघवारा दरियापुर व गरखा प्रखंड से सैकड़ों किसान विभिन्न वाहनों से कई तरह की वैरायटी की सब्जियों को लेकर उसे बेचने के लिए दिघवारा आढ़त पहुंचाते हैं.इस दौरान सड़क पर ही वाहनों को खड़ा कर सब्जियों की अनलोडिंग होती है और फिर खरीदने वाले दुकानदार सड़क पर ही वाहनों को खड़ा कर सब्जियों की लोडिंग करते हैं. ऐसे में दिघवारा में जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है.रेलवे क्रॉसिंग के समीप सजने वाले इस एक दर्जन से अधिक सब्जी आढ़तों के सजने से जाम की स्थिति विकराल हो जाती है. सब्जियों के सीजन में तो इस रेलवे क्रॉसिंग के समीप मेला जैसी स्थिति दिखती है और फिर यहां जाम में फंसकर यात्रियों को परेशान होना पड़ता है. इन आढ़तों को अन्यत्र किसी निर्धारित स्थल पर शिफ्ट कर दिए जाने से जाम की समस्या का निदान हो सकता है.
सड़क किनारे छोटे वाहनों की अवैध रूप से होती है पार्किंग, किसी के अंदर पुलिस का भय नहीं
लोगों का कहना है कि रेलवे क्रॉसिंग के दोनों तरफ सड़क किनारे टोटो,टेंपो,मैजिक आदि छोटे वाहनों की पार्किंग होती है और दो से तीन लाइन में वाहनों को खड़ा कर चालक यात्री को ढूंढते हैं. ऐसे में आधा सड़क अतिक्रमण का शिकार हो जाता है और फिर सड़क के संकीर्ण होने के कारण जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है. ऐसे चालकों के अंदर पुलिस का कोई भय भी नहीं दिखता है.आम लोगों का कहना है कि पुलिस बाजार को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए कार्रवाई करती है लेकिन रेलवे क्रॉसिंग के समीप चालकों की मनमानी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से चालकों के हौसले बुलंद है. कई बार लोगों की शिकायत मिलने पर पुलिस की टीम थोड़ी कार्रवाई करती है मगर अगले दिन से फिर चालक अपने वाहनों की पार्किंग शुरू कर देते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

