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Saran News : रिंग बांध निर्माण के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी, दो दिनों के लिए कार्य पर रोक

प्रखंड के माधोपुर पंचायत अंतर्गत बनिया हसनपुर व माधोपुर बड़ा के दियारा क्षेत्र में सारण तटबंध के पूर्वी दिशा में बन रहे नये रिंग बांध निर्माण को लेकर किसानों का विरोध दूसरे दिन रविवार को भी जारी रहा.

तरैया. प्रखंड के माधोपुर पंचायत अंतर्गत बनिया हसनपुर व माधोपुर बड़ा के दियारा क्षेत्र में सारण तटबंध के पूर्वी दिशा में बन रहे नये रिंग बांध निर्माण को लेकर किसानों का विरोध दूसरे दिन रविवार को भी जारी रहा. ग्रामीणों और रैयतों ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य के लिए निजी जमीन को जबरन कब्जे में लिया जा रहा है, जबकि उन्हें न तो कोई सूचना दी गयी और न ही कोई मुआवजा मिला.

किसानों का कहना है कि जिस जमीन पर कार्य किया जा रहा है, वह खातियानी भूमि है और वे वर्षों से सरकार को लगान भी अदा कर रहे हैं. वहीं, तरैया के अंचल अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और बताया कि निर्माण कार्य टोपो लैंड पर हो रहा है, जिसे सरकार की संपत्ति माना जाता है. सीओ की इस बात को किसानों ने गलत और भ्रामक बताया. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह भूमि उनकी पुश्तैनी संपत्ति है और वे इसके प्रमाणस्वरूप लगान की रसीदें भी प्रस्तुत कर सकते हैं. किसानों के आक्रोश और विरोध को देखते हुए सीओ ने दो दिनों तक निर्माण कार्य को रोकने का निर्देश दिया, जिसके बाद स्थिति थोड़ी सामान्य हुई.

किसानों का आरोप-रात में चुपचाप डाली गयी मिट्टी

किसानों ने आरोप लगाया कि शनिवार को विरोध के बावजूद, रात में जेसीबी और ट्रैक्टर के माध्यम से उनकी निजी जमीन पर मिट्टी डालकर निर्माण कार्य जारी रखा गया. रविवार की सुबह जब ग्रामीणों ने खेतों में मिट्टी पड़ी देखी, तो वे आक्रोशित हो उठे और मौके पर पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन और हंगामा किया. ग्रामीणों का कहना है कि यदि सरकार नया रिंग बांध बनाना चाहती है, तो पहले से बने बांध की मरम्मत की जानी चाहिए. नया बांध यदि जरूरी है, तो पहले भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत किसानों को मुआवजा दिया जाये. जबरन निजी भूमि पर निर्माण कार्य करना पूरी तरह अनुचित और गैरकानूनी है. प्रदर्शन में शामिल प्रमुख किसानों में सोनू यादव, शत्रुध्न राय, प्रभु राय, चंदन राय, वकील राय, कमलदेव राय, सत्यनारायण सहनी, मंजय सहनी, नौशाद अली, रविंद्र सहनी, फातमा खातून, शनि कुमार सहित दर्जनों ग्रामीण शामिल रहे. इन किसानों ने कहा कि उन्होंने शनिवार को ही जिलाधिकारी, सारण और अनुमंडल पदाधिकारी, मढ़ौरा को शिकायत पत्र भेज दिया था, इसके बावजूद निर्माण एजेंसी ने रात में कार्य जारी रखा, जो प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही और मनमानी को दर्शाता है.

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