छपरा. छपरा नगर निगम के लिपिक सूर्य मोहन यादव को 60 रुपये घूस लेते पटना विजिलेंस की टीम ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. लिपिक कार्यालय के ही सेवानिवृत कर्मी से सेवांत लाभ देने के बदले रिश्वत ले रहा था. गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की टीम आरोपित को अपने साथ लेती गयी.
क्या है पूरा मामला
पूरे मामले की जानकारी देते हुए डीएसपी विजिलेंस रीता सिंह और राजन प्रसाद ने बताया कि नगर निगम के ही 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत हुए सेनेटरी इंस्पेक्टर राजनाथ राय ने अपने सेवंत लाभ की लगभग 13 लाख की राशि का भुगतान करने के लिए आरोपी लिपिक सूर्य मोहन यादव को आवेदन दिया था. सूर्य मोहन ने कुल राशि की 10% रिश्वत की डिमांड की थी. दो किस्तों में रुपया देने की बात हो गयी थी. घूस मांगने की शिकायत राजनाथ राय ने विजिलेंस से कर दी थी. विजिलेंस ने इसका सत्यापन कर लिया था और सत्यापन के बाद छापेमारी के लिए योजना बनायी. तय योजना के अनुसार विजिलेंस की टीम दोपहर 3:40 पर नगर आयुक्त के कार्यालय में पहुंची. योजना के अनुसार 60000 का बंडल जो की एक पॉलिथीन में लपेटा हुआ था सूर्य मोहन यादव को दिया गया जैसे ही सूरज मोहन ने पैसा अपने हाथ में लिया. विजिलेंस की टीम ने चारों तरफ से घेरते हुए आरोपी को अपने कब्जे में ले लिया. फिर साइंटिफिक तरीके से केमिकल में हाथ धुलाया गया. इसमें प्रूफ हो गया कि रुपए इन्होंने अपने हाथ में लिए थे. दूसरे प्रूफ के रूप में जो नोट दिए गए थे उनके नंबर भी पहले ही बिजनेस ने दर्ज कर लिए थे और फिर उसकी भी पुष्टि हो गई. इस प्रकार गिरफ्तारी करते हुए विजिलेंस की टीम सबसे पहले आरोपी को छपरा स्थित सर्किट हाउस में ले गई जहां थोड़ी देर तक पूछताछ हुई और उसके बाद अपने साथ लेटी गयी. छापेमारी टीम में डीएसपी रीता सिंहा, डीएसपी राजन प्रसाद, इंस्पेक्टर आसिफ इकबाल, दरोगा आशीष कुमार, दिग्विजय कुमार धर्मवीर सिंह शामिल थे. इस छापेमारी के बाद नगर निगम में हड़कंप का माहौल कायम हो गया है. इस बात की भी चर्चा हो रही है कि सूरजमोहन यादव से पूछताछ में कहीं बड़े मगरमच्छ के नाम भी सामने नहीं आ जाये. क्योंकि बताया जा रहा है कि दो और लोग भी टारगेट में थे. कौन लोग थे इसका नाम का खुलासा नहीं हो पा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है