छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय में अंक पत्रों के सुधार की प्रक्रिया काफी धीमी है. पिछले चार पांच माह पुराने सैकड़ो आवेदन अभी भी पेंडिंग हैं. छात्र-छात्राएं प्रतिदिन कॉलेजों का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है छात्रों को आगामी कई परीक्षाओं का फॉर्म भरना है. कई ऐसे छात्र-छात्राएं हैं. जिन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन करते समय या किसी नौकरी के इंटरव्यू के दौरान अंक पत्र को सबमिट करना रहता है. ऐसे में छात्र-छात्राओं को समय पर अंक पत्र नहीं मिलने से उनकी परेशानी बढ़ गयी है. शहर के गंगा सिंह कॉलेज, राम जयपाल कॉलेज, जयप्रकाश महिला कॉलेज, पीसी विज्ञान कॉलेज, राजेंद्र कॉलेज आदि से विश्वविद्यालय में भेजे गये सैकड़ो आवेदनों का अब तक निबटारा नहीं हो सका है. जबकि कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार बाजपेई द्वारा जारी निर्देश के अनुसार आवेदन मिलने के बाद 15 से 20 दिनों के अंदर इसका निबटारा किया जाना है. अब ऐसे छात्र-छात्राएं थक हार कर फिर से कॉलेज में दोबारा आवेदन दे रहे हैं.
किसी को मिले शून्य तो किसी को पांच अंक
छात्रों द्वारा दिये गये आवेदनों में कई ऐसे मामले हैं. जिसमें अंक पत्र जारी करने में भारी त्रुटि की गयी है. कई ऐसे छात्र-छात्राएं हैं. जिन्हें परीक्षा के सभी विषयों में 70 से 80 फीसदी अंक मिला है. लेकिन किसी एक विषय में शून्य अंक दे दिया गया है. अब छात्र भी इसे हास्यास्पद बता रहे हैं. गंगा सिंह कॉलेज की स्नातक फाइनल इयर की एक छात्रा जिसे अधिकतर विषयों में 70 से अधिक अंक मिले हैं. उसे एक विषय में महज पांच अंक दिया गया है. जबकि छात्रा का कहना है कि उसने सभी प्रश्नों का उत्तर दिया है. अब जब छात्रा द्वारा सुधार के लिए कॉलेज में आवेदन दिया गया. तो चार महीने से उसके अंक पत्र के सुधार की प्रक्रिया पेंडिंग पड़ी हुई है. छात्रा को पीजी में दाखिला लेना है. लेकिन फाइनल इयर का अंक पत्र सुधार कर नहीं आने से वह परेशान है.जानकारी के लिए विश्वविद्यालय आने की है मनाही
तीन माह पहले विश्वविद्यालय द्वारा यह गाइडलाइन जारी किया गया था कि अंक पत्र में सुधार या अन्य किसी भी समस्याओं के निबटारे के लिए कॉलेज स्तर पर ही आवेदन देना है. वहीं आवेदन की वर्तमान स्थिति जानने के लिए भी छात्रों को कॉलेज से संपर्क करना होगा. इस काम के लिए विश्वविद्यालय आने की मनाही है. अब जब छात्र-छात्राएं कॉलेज जा रहे हैं तो वहां भी उन्हें सही जानकारी नहीं मिल रही है और जब विश्वविद्यालय पहुंच रहे हैं तो वहां से भी उन्हें कॉलेज जाने का ही निर्देश दिया जा रहा है. ऐसे में छात्र-छात्राएं काफी उलझन में है.क्या है विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष
इस संदर्भ में जब विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग से संपर्क किया गया तो वहां अधिकारियों ने कहा कि कुछ माह पूर्व तक छात्र-छात्राएं अंक पत्रों में सुधार के लिए विश्वविद्यालय आ रहे थे. लेकिन यहां भीड़ अधिक हो रही थी. जिसके बाद कॉलेज में ही आवेदन देने का निर्देश दिया गया. जो भी आवेदन कॉलेज से वेरीफाइ होकर विश्वविद्यालय तक आ रहे हैं. उनका 15 से 20 दिनों के अंदर निबटारा किया जा रहा है. कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार बाजपेई ने भी यह निर्देश दिया है कि निर्धारित तिथि के अंदर आवेदनों का निबटारा कर देना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है