रसूलपुर(एकमा). थाना क्षेत्र के माधोपुर-चनचौरा हाइस्कूल के नवनिर्माण पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है. माधोपुर गांव के समाजसेवी उपेंद्र उपाध्याय द्वारा हाइस्कूल निर्माण के लिए सड़क किनारे स्थित 10 कट्ठा मूल्यवान जमीन दान में देने की लिखित स्वीकृति शिक्षा विभाग को दी जा चुकी है. जमीन की मापी भी विभाग द्वारा कर ली गयी थी, लेकिन अब विद्यालय निर्माण में अड़चन आ गयी है. विद्यालय के प्रधानाचार्य अर्जुन सिंह ने जानकारी दी कि विभागीय निर्देशानुसार यदि विद्यालय का नाम दानदाता के नाम पर रखना है तो कुल 15 कट्ठा जमीन दान करनी होगी. केवल 10 कट्ठा जमीन दान देने की स्थिति में दानदाता का नाम केवल विद्यालय शिलापट्ट पर अंकित किया जायेगा. इस जानकारी के बाद उपेंद्र उपाध्याय समेत पूरे गांव में नाराजगी है. उपेंद्र उपाध्याय ने बताया कि शुरू में विभाग ने केवल छह कट्ठा जमीन की मांग की थी, लेकिन उन्होंने स्वयं 10 कट्ठा देने की स्वीकृति दी. अब निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही 15 कट्ठा जमीन की नयी मांग करना अन्यायपूर्ण और गांव का अपमान है. माधोपुर के ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय को किसी और गांव में स्थानांतरित करने की साजिश रची जा रही है, जिसे वे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे. वहीं चनचौरा, बनपुरा, मनीछपरा और वंशीछपरा गांवों के लोग भी हाइस्कूल को अपने गांव में स्थानांतरित कराने के लिए सक्रिय हो गये हैं। इनमें चनचौरा सबसे आगे बताया जा रहा है. इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, एकमा योगेंद्र बैठा ने बताया कि सर्वशिक्षा अभियान विभाग की बैठक में प्रधानाध्यापक को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने कहा, यदि दानदाता 15 कट्ठा जमीन देते हैं, तो विद्यालय का नाम उनके नाम पर रखा जा सकता है. केवल 10 कट्ठा जमीन दान करने पर उनका नाम शिलापट्ट पर अंकित किया जायेगा. यही सरकारी प्रावधान है.
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