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Saran News : छपरा रजिस्ट्री कार्यालय में अभिलेखों से छेड़छाड़ कर बना दिया गया जाली दस्तावेज

Saran News : सारण जिले के छपरा रजिस्ट्री कार्यालय में एक बड़े दस्तावेज फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ स्वयं रजिस्ट्रार ने किया है.

छपरा. सारण जिले के छपरा रजिस्ट्री कार्यालय में एक बड़े दस्तावेज फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ स्वयं रजिस्ट्रार ने किया है. उन्होंने दिसंबर 2024 में ही इस मामले में अपने ही पूर्व अभिलेखपाल जयप्रकाश रजक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी थी, जिसकी अब गंभीर जांच शुरू हो चुकी है. जांच में यह बात सामने आ रही है कि अभिलेखों में हेराफेरी कर कई जाली दस्तावेज तैयार किये गये, जिससे न केवल सरकारी रिकॉर्ड में छेड़छाड़ हुई बल्कि भूमि विवाद और संपत्ति हड़पने के मामलों में भी इसका इस्तेमाल किया गया.

क्या है पूरा मामला

सारण के दीपक कुमार मिश्रा ने सूचना के अधिकार के तहत रजिस्टर-1 की जिल्द संख्या 123, दस्तावेज संख्या 15570, वर्ष 1983 की प्रति की मांग की थी. जब अभिलेखागार में उसकी जांच और सत्यापन हुआ तो पाया गया कि पृष्ठ संख्या 141 से 161 तक के बीच छह दस्तावेजों में जालसाजी की गयी है. ये दस्तावेज स्कैन प्रति से मेल नहीं खाते और कृत्रिम रूप से जिल्द में चिपकाये गये प्रतीत होते हैं.

जांच में मिले चौंकाने वाले तथ्य

वर्ष 1983 के जिल्द-123 में दस्तावेज संख्या 15358, 15359, 15568, 15569, 15570 और 15571 की प्रतिलिपियां मूल प्रति से भिन्न पायी गयी. ये प्रतिलिपियां नौ मई 2023 को निर्गत की गयी थीं, जिससे स्पष्ट होता है कि हाल ही में जिल्दों के साथ छेड़छाड़ की गयी है. वर्ष 1934 के दस्तावेज 3483 व 3484 भी संदिग्ध पाये गये. इनकी मूल प्रति जिल्द संख्या 46 और 43 में है लेकिन जारी प्रतिलिपियां भिन्न हैं. इसी तरह वर्ष 1966 के दस्तावेज संख्या 3992 व 3993 की मूल प्रति जिल्द संख्या 32 में है लेकिन इन्हें जिल्द संख्या 36 में चिपकाया गया मिला.

त्रिसदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट

जब मामला उजागर हुआ तो तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गयी. इस समिति ने भी दस्तावेजों में हेराफेरी की पुष्टि की. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कृत्य संभवतः दस्तावेज धारकों या लाभार्थियों ने अभिलेखपाल की मिलीभगत से किया है, ताकि जाली दस्तावेज तैयार कर लाभ उठाया जा सके.

एफआइआर दर्ज, कई राजस्व कर्मी जांच के घेरे में

इस मामले में रजिस्ट्रार ने जिलाधिकारी सारण अमन समीर के आदेश पर छह दिसंबर 2024 को आइपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी. आरोप में अभिलेखपाल जयप्रकाश रजक और जालसाज लाभार्थियों को नामजद किया गया है. अब पुलिस रजिस्ट्रार कार्यालय से लेकर अंचल कार्यालय तक के दस्तावेजों की गहन जांच में जुट गयी है. इस दौरान कई राजस्वकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है और आशंका है कि यह मामला बड़े दस्तावेज घोटाले का रूप ले सकता है.

क्या कहते हैं एएसपी

मामले की जांच शुरू की गयी है. प्रथम दृश्य यह बात सामने आयी है की जमीन के दस्तावेजों में फेरबदल की गयी है. ओरिजिनल जमीन मालिक का नाम फरकार छद्म और मृत आदमी का नाम लिखकर चिपका दिया गया है, जो कि नकली है. अभी पहचान किया जा रहा है. रजिस्टर वन और रजिस्टर 2 से जुड़े तमाम मामले जांचे जा रहे हैं.

राज किशोर सिंह, एएसपी, सारण

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