छपरा. खरीफ वर्ष 2025-26 की शुरुआत से पहले ही जिले में खाद संकट के संकेत दिखने लगे हैं. जिले में खाद का स्टॉक आवश्यकता से काफी कम है, जिससे आने वाले एक-दो महीनों में किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. जिले में खरीफ फसलों के लिए करीब 40000 क्विंटल खाद की आवश्यकता है, जबकि वर्तमान में केवल 10000 क्विंटल खाद ही उपलब्ध है, जो कुल जरूरत का मात्र 25 फीसदी है. बीते खरीफ और रबी मौसम के दौरान भी किसानों को खाद के लिए काफी परेशान होना पड़ा था. सरकारी दर पर खाद उपलब्ध न होने से उन्हें ऊंचे दामों पर खाद खरीदनी पड़ी थी. इस बार फिर वैसी स्थिति न बने, इसके लिए जिला प्रशासन और कृषि विभाग को अभी से तैयारी करनी होगी. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, जिले में इस समय यूरिया का 8376 क्विंटल, डीएपी का 980 क्विंटल, एनपीके का 1129 क्विंटल, पोटाश का 514 क्विंटल और एसएसपी का 194 क्विंटल स्टॉक शेष है. ये आंकड़े साफ तौर पर दर्शाते हैं कि अगर समय रहते उपाय नहीं किये गये, तो किसानों को खाद के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा. किसानों का कहना है कि वे मेहनत से धान और गेहूं जैसी फसलें उगाते हैं, लेकिन खाद के अभाव में उत्पादन प्रभावित होता है. ऐसे में जिला प्रशासन को खाद की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि किसानों को उनका मेहनत का हक मिल सके.
क्या कहते हैं अधिकारी
खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए खाद की डिमांड कर दी गयी है. धान की रोपनी होने के साथ ही खाद की उपलब्धता भरपूर हो जायेगी. किसानों को इस बार परेशानी नहीं होगी.
एसबी सिंह, डीएओ, सारणडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है