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दरियापुर की 26 पंचायतों में पीडीसीए दुकानों की हुई जांच

छपरा (सदर) : डीएम सुब्रत कुमार सेन के निर्देश पर दरियापुर प्रखंड के 26 पंचायतों में अलग-अलग 26 पदाधिकारियों की टीम ने जनवितरण दुकानों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान वितरण में अनियमितता की शिकायतें भी मिली. वहीं पदाधिकारियों की जांच टीम के सुबह ही पहुंचने की खबर दरियापुर प्रखंड के जनवितरण दुकानदारों को हो […]

छपरा (सदर) : डीएम सुब्रत कुमार सेन के निर्देश पर दरियापुर प्रखंड के 26 पंचायतों में अलग-अलग 26 पदाधिकारियों की टीम ने जनवितरण दुकानों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान वितरण में अनियमितता की शिकायतें भी मिली. वहीं पदाधिकारियों की जांच टीम के सुबह ही पहुंचने की खबर दरियापुर प्रखंड के जनवितरण दुकानदारों को हो जाने के बाद दुकानदार दो बिचौलियों के माध्यम से कुछ पदाधिकारियों को मैनेज करने के लिए प्रयासरत दिखे. वैसे जनवितरण दुकानदार जो पदाधिकारियों को जांच शुरू करने से पहले मैनेज करने में सफल नहीं हो पाये उनके चेहरे पर हवाईयां उड़ रही थी.

डीएम के निर्देशानुसार सभी पदाधिकारियों को जांच के बाद अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपनी थी. जिला आपूर्ति पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने खुद दरियापुर के बजहिया पंचायत में जांच किया. उन्होंने सभी आठ दुकानों में वितरण की व्यवस्था को सही बताया. उनका कहना था कि इन दुकानों में साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं थी.
उन्होंने कहा कि यह जांच सामान्य जांच है. ऐसा जांच हमेशा होते रहता है. ग्राहकों के पानी पीने की सुविधा नहीं थी. वहीं जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजीव रंजन कुमार सिन्हा ककरहट पंचायत के चार जनवितरण दुकानों की जांच की, जिनमें तीन दुकानों में भारी अनियमितता पायी. पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे अपनी रिपोर्ट डीएम को देंगे.
उधर विभिन्न पंचायतों में जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल, जिला योजना पदाधिकारी विजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह आदि को जांच का जिम्मा दिया गया था. पदाधिकारियों ने 10 बजे से लेकर दो बजे तक विभिन्न पंचायतों के जनवितरण दुकानों में जांच की. कम से कम तीन चार पदाधिकारी डीएम के आदेश के बावजूद जांच के लिए नहीं जा सके. वहीं जांच में गये अधिकतर पदाधिकारियों ने कहा कि वे अपनी रिपोर्ट जिला पदाधिकारी को सौपेंगे.
उधर आम जनों एवं कुछ पीडीएस दुकानदारों का कहना था कि जांच के बाद दोषी अधिकतर दुकानदार येन-केन प्रकारेण अपने विभाग के वरीय पदाधिकारियों को मैनेज करने में सफल हो जाते है. ऐसी स्थिति में यह जांच खानापूर्ति बनकर रह जाती है. दुकानदारों का तो आर्थिक दोहन होता है परंतु आम जनों को कोई लाभ नहीं होता.
उधर डीएम सुब्रत कुमार सेन ने पूछे जाने पर कहा कि सभी पदाधिकारियों से जांच का रिपोर्ट देने को कहा गया है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषी जनवितरण दुकानदारों के खिलाफ नियमानुसार जवाबतलब किया जायेगा. वहीं जवाब तलब संतोषजनक नहीं होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. इस दिशा में कोताही बरतने वाले व्यक्तियों को नहीं बख्शा जायेगा.

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