Samastipur News:समस्तीपुर : जिले में नये शैक्षणिक सत्र का आरंभ 1 अप्रैल से हो गया है. कक्षा 8 वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्रा कक्षा 9 वीं में नामांकन करायेंगे. इस संबंध में जिला शिक्षा विभाग पूर्व के पत्राचार के आधार पर ही नामांकन लेने का निर्देश दिया है. विदित हो कि विगत वर्ष तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने डीईओ को आवश्यक निर्देश दिया था. जिसमें बताया गया था कि समीक्षा के क्रम में पाया गया है कि कतिपय स्कूलों में क्षमता से अधिक विद्यार्थियों का नामांकन नौवीं कक्षा में हो जा रहा है. जबकि कई स्कूलों में उपलब्ध संसाधन के अनुरूप विद्यार्थी नहीं है. ऐसी स्थिति में विद्यार्थी जिस उत्क्रमित हाई स्कूल से आठवीं की परीक्षा पास किया है, उसी स्कूल में नौवीं कक्षा में उस विद्यार्थी का नामांकन कराने का निर्देश दिया गया है. साथ ही मिडिल स्कूल से आठवीं की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को उसी पंचायत अथवा निकाय के हाई स्कूल में नौवीं कक्षा में नामांकन सुनिश्चित कराने को कहा है. जिले के सरकारी स्कूलों से आठवीं कक्षा पास करने वाले बच्चों का नौवीं कक्षा में नामांकन अब अपने पंचायत के पोषक क्षेत्र के हाई स्कूलों में ही कराना होगा.
– पंचायत से बाहर के हाई स्कूलों में नामांकन को डीईओ से लेनी होगी अनुमति
किसी कारण पोषक क्षेत्र यानि पंचायत से बाहर के हाईस्कूल में नामांकन कराने वाले बच्चों को डीईओ से अनुमति प्राप्त करना होगा. यानी आठवीं कक्षा पास स्कूल से स्थानांतरण प्रमाण पत्र पर डीईओ से काउंटर साइन कराना अनिवार्य होगा. बिना अनुमति के बगैर पंचायत व पोषक क्षेत्र के बाहर के हाई स्कूल में नामांकन संभव नहीं होगा. बिहार सरकार द्वारा हर पंचायत में उच्च माध्यमिक स्कूलों की सुविधा उपलब्ध कराने की नीति के अनुसार जिले के सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक स्कूल संचालित किया गया है. जिले के लगभग प्रत्येक पंचायत में स्थित मध्य विद्यालय को अपग्रेड हाई स्कूल कर दिया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि उक्त पंचायत में छात्र-छात्राओं को नौवीं कक्षा में पढ़ने के लिए अधिक दूरी तय कर दूर के स्कूल में नामांकन कराना न पड़े. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि कहा है कि छह से 14 वर्ष के बच्चों का उनके उम्र के अनुसार कक्षा में नामांकन किया जायेगा.सभी स्तर के कर्मी करेंगे सहयोग
विद्यालय से बाहर रहने वाले बच्चों के नामांकन ने आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, शिक्षा सेवक, विकास मित्र, मुखिया, सरपंच एवं पंच की मदद ली जा सकती है. नामांकन के क्रम में सुनिश्चित किया जाये कि कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे. सभी बच्चों की नामांकन की जिम्मेवारी संबंधित स्कूल के प्रधान शिक्षक की होगी. प्रत्येक बच्चों की उपस्थिति नियमित सुनिश्चित कराया जाये. बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने की जिम्मेवारी उक्त पोषक क्षेत्र के शिक्षा सेवक की होगी. डीईओ को हर स्कूल से एक शिक्षा सेवक को जोड़ने की जिम्मेवारी सौंपी गई है. उन्होंने कहा है कि कोई बच्चा स्कूल नहीं आता है, तो उसका नाम पंजी से नहीं काटा जाए, बल्कि स्कूल आने के लिए उसे प्रेरित करें. बच्चे के आवास में कोई परिवर्तन होता है, तभी पंजी से उसका नाम हटाया जाए. वह भी अभिभावक के अनुरोध पर हटाया जायेगा. अन्य कारण से नाम हटाने की जरूरत पड़ने पर बीईओ से अनुमति लेना आवश्यक होगा.15 अप्रैल तक प्रवेशोत्सव
15 अप्रैल तक प्रवेशोत्सव 2025 का आयोजन किया जा रहा है. इस नामांकन अभियान के तहत जिले के सभी सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के द्वारा अपने-अपने पोषक क्षेत्र में छात्र अभिभावकों को सरकारी विद्यालयों में नामांकन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है. “सब पढ़े, सब बढ़े “, “मेरा विद्यालय, मेरा अधिकार “, “100 प्रतिशत नामांकन की ओर कदम बढ़ाएं “, “शिक्षा का अवसर सबके लिए समान ” जैसे नारे लगाते हुए सरकारी विद्यालयों के शिक्षक अपने अपने पोषक क्षेत्रों में नामांकन अभियान चला रहे हैं. इसके तहत शिक्षकों के द्वारा स्कूलों के भीतर तथा बाहर नामांकन से संबंधित पोस्टर बैनर लगाये गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है