Samastipur News:समस्तीपुर : राज्य के छह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत टैब के माध्यम से ऑनलाइन छात्रों की उपस्थिति दर्ज कराने में मिली सफलता के बाद इसे पूरे राज्य के सभी स्तर के विद्यालयों में लागू करने का निर्णय लिया गया है. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में टैबलेट के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों की हाजिरी दर्ज करने का निर्णय लिया है. यह प्रक्रिया फेस रिकग्निशन तकनीक पर आधारित होगी. इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि विद्यालय में कौन उपस्थित है और कौन नहीं उपस्थित है. इस नई व्यवस्था के तहत जिले के सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों को दो-दो टैबलेट जबकि उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को तीन-तीन टैबलेट दिये गये हैं. ये टैबलेट अत्याधुनिक होंगे और इन्हें ई-शिक्षा कोष पोर्टल से जोड़ा जायेगा. इससे छात्रों की तस्वीरें भी पोर्टल पर अपलोड की जायेगी. विभागीय अधिकारी कहीं से भी उपस्थिति की स्थिति की निगरानी कर सकेंगे. नई व्यवस्था के अनुसार शिक्षकों की उपस्थिति प्रतिदिन सुबह 9 से 9:30 बजे तक और छात्रों की उपस्थिति 9:30 से 10 बजे तक दर्ज की जायेगी. इससे शिक्षा विभाग को रियल टाइम उपस्थिति डेटा मिलेगा और अनुपस्थित शिक्षक या छात्र की तुरंत जानकारी मिल सकेगी. प्रत्येक टैबलेट शिक्षा विभाग के पोर्टल से जुड़ा रहेगा. इससे विद्यालय प्रभारी को विभाग द्वारा समय-समय पर भेजे जाने वाले निर्देश, पाठ्यक्रम, मॉडल प्रश्नपत्र एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री तत्काल मिलती रहेगी. स्कूलों की सभी गतिविधियों की जानकारी भी टैब के माध्यम से विभाग को भेजनी होगी. प्रत्येक टैब को एक यूनिक आइएमईआई नंबर के आधार पर स्कूल से जोड़ा जायेगा ताकि डेटा की पहचान और सत्यता सुनिश्चित की जा सके. टैबलेट के वितरण के बाद अब शिक्षकों को इसका प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे इस डिजिटल प्रक्रिया का संचालन सुचारू रूप से कर सके. इस आधुनिक प्रणाली से विद्यालयों में न केवल उपस्थिति की पारदर्शिता आएगी, बल्कि शिक्षकों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी.
– फेस अटेंडेंस के लिए स्कूलों को मिला हुआ है टैब
साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और विभागीय निगरानी की क्षमता में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है. लोगों का कहना है कि इस टैबलेट से बच्चों की उपस्थिति बनने से मध्याह्न भोजन में बच्चों का आंकड़ा काफी कम होने की उम्मीद है. इससे जहां मध्याह्न भोजन योजना में चल रही लूट की प्रवृति पर भी रोक लगेगी. कई बार अधिकारियों के निरीक्षण में देखा गया है कि मध्याह्न भोजन में बच्चों की संख्या काफी अधिक थी और भौतिक सत्यापन में बच्चे काफी कम दिखे. अब तो मध्याह्न भोजन के समय में ही बच्चों की हाजिरी बनेगी कि किन- किन बच्चों ने मध्याह्न भोजन योजना का लाभ लेने में सफल रहे.
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