Samastipur News:समस्तीपुर : यकीन नहीं होता न कि चोरी रोकने को स्मार्ट मीटर लगाने के बाद भी इसपर अंकुश नहीं लग पाया है. विद्युत विभाग ने अब उसका कारण व निवारण भी पता लगा लिया है. बिजली चोरी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए डीटी टैगिंग तकनीक का सहारा लिया जायेगा. यह व्यवस्था उपभोक्ता से लेकर ट्रांसफार्मर तक रहेगी. इस सिस्टम में उपभोक्ता का नाम, उसका घर, फीडर, ट्रांसफार्मर आदि की जानकारी होगी. उपभोक्ता कितनी बिजली का उपयोग कर रहा है. कितना बिल आ रहा है. इसका पता भी चल जायेगा. एक तौर से ट्रांसफार्मर से बिजली का उपभोग कर रहे उपभोक्ता पर विभाग की सीधी नजर रहेगी. विद्युत कार्यपालक अभियंता आनंद कुमार ने बताया कि बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग ने तमाम कोशिशें की. छापेमारी दल के साथ जांच-पड़ताल की गई. प्रतिदिन कहीं न कहीं बिजली चोरी भी पकड़ी गई. हालांकि इसमें कमी आई. लाइन लाॅस वाले फीडरों की स्थिति में व्यापक रूप से सुधार नहीं हुआ. इसे देखते हुए विभागीय अधिकारी अब डीटी टैगिंग तकनीकी का सहारा लेंगे. लाइन लाॅस वाले फीडरों से संबंधित ट्रांसफार्मरों से कितनी बिजली उपभोक्ताओं को दी गई और कितनी यूनिट का बिजली का बिल बना, इसकी तुलना की जायेगी. जिन जगहों पर अंतर आयेगा, उस इलाके में सप्ताह भर तक अभियान चलाया जायेगा. इधर, बुधवार को भी शहर के विभिन्न भागों में एसडीओ शहरी व जेई टाउन टू ने अभियान चलाकर जानकारी प्राप्त की. कहां बकाया विपत्र भुगतान नहीं हुआ है और नया कनेक्शन दे दिया गया है.
टैगिंग के ये हैं फायदे
उपभोक्ता को फीडर के आधार पर जोड़ा जा सकेगा. जोड़ने से जांच में आसानी होगी. बिजली से जुड़ी समस्या होने पर उपभोक्ता को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा. टैगिंग के बाद इन उपभोक्ताओं का पूरा विवरण उपकेंद्र डैशबोर्ड पर आ जायेगा. इससे उपभोक्ता अपने बिल से जुड़ी हर तरह की जानकारी मोबाइल से ही ले सकेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

