पूसा : जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के तत्वावधान में एक दिवसीय कृषक गोष्ठी सह कार्यशाला आयोजित किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शस्य विज्ञान विभाग के प्राध्यापक सह जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र के निदेशक डॉ. रत्नेश कुमार झा ने कहा कि जलवायु अनुकूल कृषि ही बदलते मौसम का विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. जलवायु अनुकूल कृषि से संबंधित तकनीकी जानकारी किसानों को उपलब्ध कराई व साथ ही साथ गर्म मौसम में लगने वाले मूंग की खेती की विस्तृत जानकारी किसानों को दी गयी. साथ ही डॉ झा बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना को चलाने से संबंधित जो तकनीकी है, जो विविधता है उसकी भी जानकारी किसानों को दी. केंद्र प्रभारी डॉक्टर तिवारी ने किसानों से कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे तकनीकी जानकारी को अपने खेतों में उतरने की सलाह दी. इंजीनियर विनिता कश्यप विषय वस्तु विशेषज्ञ कृषि अभियंत्रण कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के द्वारा खेतों में विभिन्न प्रकार के मशीनों का प्रयोग तथा उसके रखरखाव एवं मुख्य रूप से आने वाले समय में खेत का लेजर लैंड लेबर से लेवलिंग करने की सलाह दी गयी. उद्यान वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली डॉक्टर धीरू कुमार तिवारी के द्वारा फसलों के पोषक तत्व प्रबंधन तथा उद्यानिक फसलों के प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी. शुभम कुमार भगत एवं सत्येंद्र कुमार ने भी किसानों के बीच में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई तथा इस कार्यक्रम में लगभग 200 से ज्यादा किसानों ने भाग लिया.
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