शाहपुर पटोरी : चिकित्सक व कर्मियों पर कार्रवाई व झूठा मुकदमा वापस लेने के मुद्दे को लेकर सोमवार को धमौन के ग्रामीणों द्वारा अनुमंडल मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन किया गया. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित इस धरना में शामिल होने के लिए धमौन से पटोरी के लिए लोगों का जत्था चला जो विभिन्न चौक-चौराहों पर नारेबाजी करते हुए गुजरा. लोगों ने अपने हाथों में बैनर व तख्तियां ले रखी थीं. इसमें चिकित्सक द्वारा किया गया झूठा मुकदमा वापस लो तथा चिकित्सक पर कार्रवाई की बातें लिखी हुई थीं. धरनास्थल पर धरनार्थियों से थानाध्यक्ष बीएन मेहता ने बातचीत की एवं लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया.
बावजूद लोगों ने बिना कार्रवाई हुए धरना तोड़ने से इनकार किया. इस धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक अजय कुमार बुलगानीन ने कहा कि एक तरफ डाॅक्टर ड्यूटी नहीं करते हैं. दूसरी तरफ स्वास्थ्य महकमें के लचर व्यवस्था से ऊब अगर ग्रामीणों ने तालाबंदी कर दिया तो नाजायज तरीके से चिकित्सक द्वारा ग्रामीणों पर मुकदमा थोपा गया. पटोरी के धमौन में पांच पंचायत के बीचों-बीच यह अस्पताल खुद बीमार है. वैसे पटोरी का अनुमंडलीय अस्पताल का भी हाल वहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि इतने वर्ष बीत जाने के बाद आज भी अनुमंडलीय अस्पताल में पीएचसी चल रहा है. पूर्व उपप्रमुख सत्येंद्र कुमार राय ने कहा कि चिकित्सक द्वारा ग्रामीणों पर किया गया मुकदमा अपनी नाकामी को छुपाने का प्रयास है. ग्रामीणों पर किये गये मुकदमे को वापस कर अविलंब अस्पताल की व्यवस्था में सुधार लायी जाये.
बाद में ग्रामीणों ने एसडीओ को अपना मांग पत्र भी सौंपा. अधिकारियों को दिये गये मांग पत्र में एपीएचसी धमौन की व्यवस्था ठीक करने, सक्षम डाॅक्टर की पदस्थापना, ग्रामीणों पर किया गया मुकदमा वापस लेने, प्रसव की व्यवस्था, पदस्थापित डाॅक्टर मुन्ना को निलंबित करने आदि शामिल हैं. प्रदर्शन को भूषण प्रसाद राय, सुधीर राय, रामसिंहासन राय, धनिक लाल राय, जितेंद्र राय, संतोष राय, पप्पू राय, अशर्फी राय, प्रियरंजन राय आदि ने भी संबोधित किया. ज्ञात हो कि पिछले तेरह दिनों से धमौन का यह एपीएचसी में ग्रामीणों ने ताला जड़ दिया था. ग्रामीणों ने अस्पताल में नियुक्त डाॅक्टर नियमित नहीं आते हैं. कर्मी भी कुछ समय रुककर वापस चले जाते हैं. एक्सपायरी दवा लोगों को दी जाती है. इसी को लेकर ग्रामीणों द्वारा यह आंदोलन किया गया.