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48 घंटे में अच्छी बारिश की संभावना

समस्तीपुर : इस वर्ष अब तक कमजोर उपस्थिति दर्ज कराने वाला मानसून की रेखा फिलवक्त नार्थ वर्ड के उपर से गुजर रही है. इस पर बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र ने पूरी तरह से असर डालना शुरू कर दिया है. जिसके कारण अगले 48 घंटे के दौरान उत्तर बिहार के […]

समस्तीपुर : इस वर्ष अब तक कमजोर उपस्थिति दर्ज कराने वाला मानसून की रेखा फिलवक्त नार्थ वर्ड के उपर से गुजर रही है. इस पर बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र ने पूरी तरह से असर डालना शुरू कर दिया है. जिसके कारण अगले 48 घंटे के दौरान उत्तर बिहार के जिलों में अच्छी बारिश होने की संभावना है.
मानसून की गतिविधि पर पैनी निगाह रखने वाले राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि फिलहाल जो स्थिति बनी हुई है यह बरकरार रही तो पूरे जुलाई महीने में होने वाली बारिश की कमी पूरी हो सकती है. इस अवधि में पछुआ हवा गतिमान हो जायेगी. जिसकी औसत रफ्तार 15 से 18 किलो मीटर प्रति घंटे के बीच रह सकती है. आसमान में छाये बादलों के कारण वातावरण में नमी बनी हुई है. जिसके कारण उमस भरी गर्मी का दौर जारी है.
हालांकि अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास ही चल रहा है. बुधवार को अधिकतम तापमान 35.5 व न्यूनतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है. मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि पिछले चौबीस घंटे से रुक रुक कर हो रही हल्की बारिश इसी का नतीजा है. बुधवार को सुबह 9 बजे तक 2.6 मिली मीटर बारिश हुई है. हालांकि इसके बाद भी हल्की वर्षा हुई है.
धान लगाने को तैयार रहें किसान
मौसम विभाग की ओर से जो संभावनाएं जतायी जा रही है उसके मुताबिक दो दिनों में अच्छी बारिश होगी.वर्षा जल का उपयोग धान लगाने में किया जा सकता है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन किसानों के धान के बिचड़े तैयार हैं उसे लगाने को लेकर तैयारी आरंभ किया जाना चाहिए. ज्ञात हो कि इस वर्ष प्री मानसून बरसात नहीं होने के कारण धान के बिचड़े विलंब से लगाये गये हैं. जिसके कारण अधिकतर किसानों के धान के बिचड़े तैयार होने की स्थिति में है.
95 एमएम हुई वर्षा
चालू जुलाई महीने में 346 मिली मीटर बारिश सामान्य मानी जाती है. इसके विरुद्ध अब तक जुलाई महीने के दूसरे पखवारे तक मात्र 95 मिली मीटर बारिश रिकार्ड किया गया है. लेकिन अब जो स्थितियां बतायी जा रही है उससे कयास लगाया जा रहा है कि 72 घंटे के अंदर होने वाली बारिश जुलाई के साथ जून महीने में कम हुई वर्षापात को भी पूरा कर सकता है. हालांकि संभावनाओं को अभी कसौटी से गुजरना बाकी है.

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