तपती धूप में खाली पैर चलने वाले राहगीरों को पहनाई चप्पल सहरसा . समाज सेवा का जुनून बघवा निवासी रौशन मिश्रा उर्फ माधव के बिना किसी स्वार्थ के गरीबों के लिए निश्चल प्रेम से सीखा जा सकता है. रौशन पिछले कई वर्षों से बिना रूके, बिना थके चाहे सर्द रात हो या फिर लू चलती दोपहर, गरीबों की मदद ही नहीं सेवा करते नजर आते हैं. कोई पर्व हो या त्योहार गरीबों की बस्ती में ये बच्चों के साथ प्रेम लूटाते नजर आते हैं. वहीं रोटी बैंक के माध्यम से जहां गरीबों की हर संभव पेट भरने का प्रयास रहता है. वहीं गरीबों के बच्चे कैसे पढ़े इसके लिए भी कॉपी, कलम, पेंसिल, बैग की जुगाड़ इनकी आदत में शुमार है. कड़के की ठंढ़ में स्टेशन, अस्पताल, बस स्टेंड में ये रात्रि में गर्म वस्त्र वितरण में जुटे रहते हैं. वहीं संध्या होते ही स्टेशन पर कोई गरीब भूखा नहीं सोए उनके लिए रोटी का जुगाड़ भी इनकी दिनचर्या में शामिल है. अब जब तेज गर्मी अपनी चरम पर है तो ये कभी ग्लुकोज पानी, ठंढ़ा पानी सहित अन्य जरूरत के सामान राह चलते लोगों के बीच बांटते नजर आते हैं. वहीं तपती धूप में जब इन्होंने शनिवार को बिन चप्पल के गरीबों को सड़क पर चलते देखा तो इनकी वेदना उमड़ पड़ी. तत्काल दर्जनों चप्पल खरीद खाली पैर सड़क पर चलते गरीबों को पहनना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि बढ़ती धूप एवं गर्मी से लोग परेशान हैं. बहुत से ऐसे लोग है जो इस कड़ी धूप में अपने परिवार के लिए मेहनत कर रहे हैं. युवा समाजसेवी रौशन मिश्रा इस कड़ी धूप में उन लोगों के बीच चप्पल वितरण कर रहे थे. जो इस कड़ी धूप में बिना चप्पल या टूटी फूटी चप्पल पहन कर मेहनत कर रहे थे. उन रिक्शा चालक एवं ठेला चालकों को चप्पल दी जो अपने परिवार के लिए ठेला खिचते हैं. रौशन ने कहा कि चप्पल देने के बाद जो खुशी उनके चेहरे पर दिखाई दी, वह बयां नहीं किया जा सकता है. बुजुर्गो के बीच भी चप्पल दी गयी. लगभग 25 जोड़े चप्पल जरूरतमंदों के बीच बांटा. उन्होंने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है. एक बार किसी के चेहरे की मुस्कान बन कर देखिये सच में सकून मिलेगा. रौशन युवाओं को प्रेरित करते रहते हैं. जरूरतमंदों के बीच चप्पल वितरण करते समय युवा समाजसेवी शंकर चौधरी भी मौजूद थे एवं सेवा देते रहे. रौशन ने कहा कि जीवन का एक मात्र लक्ष्य सेवा ही है.
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