सोनवर्षा. सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा के साथ भर्ती मरीजों को पौष्टिक आहार देने का सरकार व स्वास्थ्य विभाग का निर्देश है. वहीं इसके विपरीत विभागीय अधिकारी की उदासीनता की वजह से सोनवर्षा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती गर्भवती व प्रसूति महिलाओं को इससे वंचित रखा जा रहा है. यहां तक कि प्रसूताओं को चाय व बिस्किट भी नसीब नहीं हो रहा है. प्रसव कराने आई क्षेत्र के रखौंता गांव की निशा कुमारी, मंगनवा गांव की श्रीति देवी, नौनेती गांव की मीरा देवी, सहसौल पंचायत की विभा कुमारी सहित अन्य प्रसूता के स्वजनों ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने के बाद सुरक्षित प्रसव के लिए प्रसूता को सीएचसी सोनवर्षा में भर्ती कराया. जिसके बाद अस्पताल में प्रसव तो हो गया. लेकिन ना तो रात का खाना दिया गया, ना ही सुबह का नाश्ता और ना ही दोपहर का भोजन दिया गया. जिस कारण प्रसूताओं के स्वजनों को बाहर से नाश्ता व खाना मंगाना पड़ता है. सबसे ज्यादा कठिनाई गरीब मरीजों को होती है. वहीं बंध्याकरण कराने आए महिलाओं ने बताया कि सुबह में उनलोगों को खिचड़ी खाने को दिया गया था. अब घर जा रहे हैं. जानकारी अनुसार प्रसूताओं को पैंतालीस घंटे तक अस्पताल में रोकने का नियम है. बावजूद सीएचसी में प्रसव होने के बाद प्रसूताओं को जल्दी छुट्टी कर दी जाती है. सीएचसी सोनवर्षा प्रबंधक मो अफजल ने बताया कि इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है. पता करके बताते हैं.
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