सहरसा रेलवे प्रशासन डिवीजन को भी कर चुका है अवगत सहरसा रेल यात्रा के दौरान रेलवे प्लेटफार्म पर और ट्रेनों में प्लास्टिक की बोतल इधर-उधर नहीं फेंके, इसे लेकर सहरसा जंक्शन पर बोतल क्रशर मशीन लगाया गया था. लेकिन रेलवे विभाग की लापरवाही की वजह से मुसाफिरखाना में लगी बोतल क्रशर मशीन छह महीने से बंद है और बेकार है. मुसाफिरखाना के एक साइड में रखी गयी बोतल क्रशर मशीन यात्रियों के लिए अब सिर्फ शो पीस बन चुकी है. जबकि सहरसा रेलवे प्रशासन द्वारा इसकी मरम्मत के लिए कई बार समस्तीपुर रेल मंडल को अवगत कराया गया है. नतीजा इन गर्मियों में यात्री द्वारा पानी पीने के बाद प्लास्टिक की बोतल प्लेटफार्म पर ही फेंक दिया जाता है. मिली जानकारी के मुताबिक समस्तीपुर डिवीजन में सहरसा जंक्शन सहित कई प्रमुख स्टेशनों पर बोतल क्रशर मशीन लगाया गया था. शुरुआत में तो यह मशीन अच्छी तरह से काम कर रही थी. लेकिन बाद में यह मशीन विभागीय उपेक्षा की भेंट चढ़ गयी. इस मशीन को लगाने का उद्देश्य जंक्शन को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त करना था. यात्रियों को भी यह निर्देश दिया गया था कि पानी पीने के बाद प्लास्टिक की बोतल क्रशर मशीन में डालें. इसके लिए एक कर्मचारी भी तैनात किया गया था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मशीन लगने के कुछ महीने के बाद ही इस मशीन ने काम करना बंद कर दिया. जिसे अब तक ठीक नहीं कराया गया है. ……………………………………………………………………………………….. आरपीएफ के स्पेशल अभियान में 12 गिरफ्तार सहरसा समस्तीपुर रेल मंडल के निर्देशन में सहरसा जंक्शन पर आरपीएफ इंस्पेक्टर धनंजय कुमार यादव के नेतृत्व में ट्रेनों और प्लेटफार्म पर विशेष अभियान चलाया गया. इस अभियान में खबर लिखे जाने तक विभिन्न धाराओं में विभिन्न एक्ट के तहत 12 लोग गिरफ्तार हुए थे. अचानक इस अभियान से टिकट काउंटर पर भीड़ भी देखी गयी. बुधवार सुबह से आरपीएफ टीम द्वारा स्पेशल अभियान के तहत अवैध वेंडर, दिव्यांग कोच में सफर, प्लेटफार्म पर अनाधिकृत रूप से प्रवेश के अलावा एक्ट के तहत 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई.
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