कोसी कछार : जानवरों से प्यार या गरीबी की मारकोसी कछार पर एक गांव है कबैया. यह सहरसा जिले के सलखुआ अंचल में पड़ता है. इस गांव में सिर्फ महादलितों की आबादी है. गांव के वयस्क महिला-पुरुष धनकटनी में व्यस्त हैं. ऐसे में जानवरों की देखभाल का जिम्मा बच्चों पर ही है. परिवार के लिए रोटी की जुगाड़ में ये जानवर भी तो सहायक हैं. नंग-धड़ंग अनपढ़ बच्चे शनिचर सादा व मिथुन सादा पूर्वी कोसी तटबंध के 114वें किलोमीटर के समीप मवेशी चरा रहे हैं. यह इनकी दिनचर्या में शुमार है.फोटो । अजय कुमार
BREAKING NEWS
कोसी कछार : जानवरों से प्यार या गरीबी की मार
कोसी कछार : जानवरों से प्यार या गरीबी की मारकोसी कछार पर एक गांव है कबैया. यह सहरसा जिले के सलखुआ अंचल में पड़ता है. इस गांव में सिर्फ महादलितों की आबादी है. गांव के वयस्क महिला-पुरुष धनकटनी में व्यस्त हैं. ऐसे में जानवरों की देखभाल का जिम्मा बच्चों पर ही है. परिवार के लिए […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement