नवहट्टा : प्रखंड क्षेत्र के केदली में कटाव का कहर जारी है. जहां लोगों का रहना और जीना दुश्वार हो गया है. जिन लोगों का घर दो वर्ष पहले कटा था, उन लोगों का घर इस बार पुनः कट गया. कटाव पीड़ित अब अपने जीवन से हार मानने लगे हैं. कहते हैं कि पिछले दिनों 17 लोगों का घर कोसी नदी में कटकर विलीन हो गया. अंचलाधिकारी के द्वारा कटाव पीड़ित परिवार को सामान ढ़ोकर निकालने के लिए नाव की व्यवस्था भी नहीं की गयी.
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केदली में कटाव से तबाही, दर्जनों परिवार बेघर
नवहट्टा : प्रखंड क्षेत्र के केदली में कटाव का कहर जारी है. जहां लोगों का रहना और जीना दुश्वार हो गया है. जिन लोगों का घर दो वर्ष पहले कटा था, उन लोगों का घर इस बार पुनः कट गया. कटाव पीड़ित अब अपने जीवन से हार मानने लगे हैं. कहते हैं कि पिछले दिनों […]
पीड़ितों को कटाव की चपेट से निकालने की कोई व्यवस्था तक नहीं की गई. कटाव की रफ्तार काफी तेज है. लोगों को यह डर बना हुआ है कि कहीं 2015 की तरह रामपुर व छतवन के जैसे केदली का अस्तित्व भी न बचे. कटाव के तांडव को देख लोग जैसे-तैसे अपने सिर पर सामान ले बाहर आ रहे हैं. वार्ड नंबर दो के आधा से अधिक परिवार का आशियाना दो से चार दिनों के कटकर नदी में विलीन हो गया है. केदली पंचायत के पैक्स भवन से मात्र पांच से सात फीट की दूरी पर कटाव अपने रफ्तार से जारी है.
तटबंध के अंदर आधा दर्जन आश्रय स्थल शौचालय व चापाकल विहीन
नवहट्टा. कोसी का जलस्तर बढ़ते ही तटबंध के भीतर के गांवों में बाढ़ की तबाही का मंजर शुरू हो गया है. साथ ही जिला व अंचल प्रशासन की बाढ़ पूर्व तैयारी की पोल खुलने लगी है. दो दिन पूर्व केदली पंचायत के डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों के घर कटकर नदी में विलीन हो गये.
वे आज भी अपना अस्थायी आशियाना बसाने के लिए भटक रहे हैं. वैसे पीड़ित परिवारों को अब तक एक अदद प्लास्टिक का टूकड़ा भी नहीं दिया जा सका है. तटबंध के भीतर सात पंचायत में हर जगह बाढ़ के दौरान शरण लेने के लिए बाढ़ आश्रय स्थल बनाया गया था. लेकिन बाढ़ आश्रय स्थल किसी को आसरा देने के योग्य नहीं है. डरहार, बकुनियां के बरवा, हाटी पंचायत के मुरली, नोला गढ़िया, सत्तोर कासिमपुर में से किसी भी आश्रय स्थल में एक अदद चापाकल तक नहीं है. डरहार बाढ़ आश्रय भवन में मक्के की ठठरी भरी पड़ी है. शौचालय तो है, लेकिन शौचालय की टंकी नहीं है.
बाढ़ राहत सह अनुश्रवण समिति की बैठक
महिषी. प्रखंड सह अंचल सभागार भवन में बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा व संभावित जरूरतों को सूचीबद्ध करने के उद्देश्य से बाढ़ राहत सह अनुश्रवण समिति की बैठक हुई. प्रखंड प्रमुख बैजनाथ कुमार बिमल की अध्यक्षता व अंचलाधिकारी अरविंद कुमार सिंह की उपस्थिति में विभिन्न पंचायतों के मुखिया ने बाढ़ आपदा के समय पर्याप्त मात्रा में नाव की व्यवस्था किये जाने की मांग की. पेयजल आपूर्ति के लिए बाढ़ आश्रय स्थलों व ऊंचे टीलों पर चापाकल गड़वाने, पशुचारा का भंडारण करने, उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराने की बात कही.
आरापट्टी पंचायत की मुखिया शांति लक्ष्मी चौधरी ने मुरली मोड़ के पास टूटे सड़क की मरम्मति कराने की मांग की. तेलवा लिलजा सड़क व बहोरवा से बेलड़ावर तक मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना को पूर्ण कराने को लेकर पहल कराने की भी मांग की. बैठक में बीडीओ परशुराम सिंह, मुखिया चिरंजीव चौधरी, नरेश कुमार यादव, घूरन पासवान, मोना देवी, आशा देवी, जदयू नेता राजकुमार साह, देवेंद्र कुमार देव, लोजपा नेता शुकन पासवान सहित अन्य मौजूद थे.
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