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कोरोना से मौत के बाद रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ा, नहीं दिया कंधा, पत्नी ने पति को दी मुखाग्नि

बीहट कोरोना महामारी ना सिर्फ लोगों की जान ले रहा है बल्कि रिश्तेदारों को भी एक-दूसरे से अलग कर दे रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण बेगूसराय के सिमरिया श्मशान घाट पर मंगलवार के दिन देखने को मिला. यहां एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई तो परिवार वाले और रिश्तेदार अर्थी को कंधा देने भी नहीं आये.

बेगूसराय. बीहट कोरोना महामारी ना सिर्फ लोगों की जान ले रहा है बल्कि रिश्तेदारों को भी एक-दूसरे से अलग कर दे रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण बेगूसराय के सिमरिया श्मशान घाट पर मंगलवार के दिन देखने को मिला. यहां एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई तो परिवार वाले और रिश्तेदार अर्थी को कंधा देने भी नहीं आये.

ऐसे में अकेली महिला ने प्रशासन की मदद से अपने पति का शव को लेकर सिमरिया श्मशान घाट पहुंची और पीपीइ किट पहनकर मुखाग्नि दी. इस काम में जब अपनों ने मुंह फेरा तो जिला प्रशासन ने महिला को दाह- संस्कार में मदद की.

दरअसल बेगूसराय के बखरी नगर पंचायत के सकरपुरा वार्ड-19 की रहनेवाली महिला निशा देवी का पति लगभग 70 वर्षीय त्रिभुवन सिंह घर पर ही कोरोना संक्रमित हो गया. गरीबी के कारण पत्नी ने घर पर ही घरेलू इलाज करती रही. लेकिन चार दिन पहले जब उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी तो किसी तरह बेगूसराय सदर अस्पताल में उसे 28 मई को भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान सोमवार को उसकी मौत हो गयी.

मृतक की पत्नी ने रोते हुए बताया कि बीमारी के दौरान कोई मदद के लिए आगे आना तो दूर झांकने तक नहीं आया. लेकिन जब कहीं से मदद नहीं मिली तो अकेले ही अपने पति का अंतिम संस्कार करने की ठानी.

उसने जिला प्रशासन से संपर्क कर मदद मांगी और अपने पति के शव को एंबुलेंस पर लाद महिला अकेले ही श्मशान पहुंच गयी. जहां जिला प्रशासन की ओर से बरौनी सीओ सुजीत सुमन और बीहट के स्थानीय पत्रकारों की मदद से महिला ने पीपीइ किट पहनकर अपने पति को न सिर्फ मुख्यग्नि दी बल्कि विपरीत परिस्थिति में अपने हिम्मत और हौसले का अद्भुत परिचय दिया.

महिला ने बताया कि उसका पति ट्रैक्टर चलाकर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करता था. परिवार में बड़ा पुत्र अनिल गूंगा और बहरा है. जबकि दो पुत्र सुनील और राजीव दिल्ली में मजदूरी करता है. पति की मौत से उस पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है.

मुखाग्नि देते वक्त रोते हुए अपने पति से बार-बार कहती रही हमरा माफ कैर दिहो हम्मे कुछ नय कैर पइलियो. बरौनी सीओ ने बताया कि प्रशासन की तरफ से इसे हर संभव मदद की जायेगी.

Posted by Ashish Jha

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