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बिहार का ये ठग क्रिप्टो करेंसी से अमीर बनाने का झांसा देकर खुद बन बैठा करोड़पति, रांची पुलिस ने दबोचा..

झारखंड पुलिस की पांच सदस्यीय टीम बिहार के मुजफ्फरपुर पहुंची. रांची साइबर पुलिस ने छापेमारी करके क्रिप्टो करेंसी खरीद कर करोड़पति बनाने का झांसा देने वाले ठग को पकड़ा है. क्रिप्टो करेंसी से निवेश कर 300 प्रतिशत मुनाफा के लालच में सैकड़ों लोगों को उसने फंसाया था.

बिहार के मुजफ्फपुर पहुंची झारखंड के रांची साइबर थाने की पुलिस ने क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से अमीर बनाने का झांसा देकर एक करोड़ से अधिक रुपये की ठगी करने के मास्टरमाइंड शशिशंकर कुमार उर्फ विक्की कुमार (36) को गिरफ्तार किया है. उसकी गिरफ्तारी शहर के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के सोडा गोदाम चौक के त्रिलोकी नाथ मंदिर गली स्थित आवास से की गयी है. क्रिप्टो करेंसी से निवेश कर 300 प्रतिशत मुनाफा के लालच में सैकड़ों लोगों को उसने फंसाया था.

रांची साइबर थाने की पुलिस ने बिहार में की कार्रवाई

छापेमारी के दौरान रांची साइबर थाने की पुलिस ने आधा दर्जन मोबाइल फोन, लैपटॉप व कई और डिवाइस भी जब्त किया है. ब्रह्मपुरा थाने लाकर उससे पूछताछ करने के बाद रांची पुलिस ने उसको कोर्ट में प्रस्तुत किया. जहां से 24 घंटे के ट्रांजिट रिमांड पर उसको लेकर रांची के लिए रवाना हो गयी है. झारखंड पुलिस के अनुसार बोकारो के चास थाना के आदर्श कॉलोनी चास निवासी व्यवसायी संतोष कुमार ने नौ नवंबर 2023 को नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें शशिशंकर के अलावा उसके एक और साथी जनकपुरी दिल्ली के अमित कुमार जायसवाल को आरोपी बनाया था. इसके आधार पर रांची साइबर पुलिस ने शनिवार की अहले सुबह ब्रह्मपुरा में छापेमारी करके मास्टरमाइंड शशि शंकर कुमार उर्फ विक्की कुमार को दबोच लिया है. उसकी गिरफ्तारी के बाद से शहर में तरह- तरह की चर्चा हो रही है. रांची साइबर पुलिस के पदाधिकारी ने बताया कि अभी कार्रवाई चल रही है. पूरी होने के बाद ही कुछ बता सकते हैं.

विदेश में फिल्म इंडस्ट्री में काम करने की दी थी जानकारी, फ्लाइट से आता था घर

रांची साइबर पुलिस के हत्थे चढ़े मास्टरमाइंड शशिशंकर कुमार उर्फ विक्की ने अपने मोहल्ले व आपस के लोगों को जानकारी थी कि वह फिल्म इंस्टरी में काम करता है. आये दिन शूटिंग के कारण वह विदेश में ही रहता है. वह छह माह या एक साल पर जब वह घर आता या जाता था तो फ्लाइट से आता था. लोगों को कहता था कि हर छह माह पर दुबई, लंदन, पेरिस व जापान जाना पड़ता है.

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सात माह से घर से चला रहा था नेटवर्क, कमरे में बना रखा था ऑफिस

शशिशंकर उर्फ विक्की की गिरफ्तारी की खबर मिलने के बाद उसकी एक बुजुर्ग महिला रिश्तेदार खोजते हुए नगर थाने पहुंची. महिला का कहना था कि विक्की तो विदेश में फिल्म में काम करता था तो पुलिस उसको क्यों गिरफ्तार करके ले गयी है. पिछले माह जो मोहल्ले में जमीन विवाद को लेकर मारपीट हुई थी, उसमें तो वह नहीं पकड़ा गया है. लेकिन, थाने पर मौजूद पुलिसकर्मी ने कहा कि उसको रांची साइबर पुलिस पकड़ कर ले गयी है तो वह रोने लगी. महिला का कहना था कि वह घर के अंदर ही एक कमरे में ऑफिस बना रखा था. उस कमरे में किसी को आने- जाने नहीं देता था. लैपटॉप हमेशा ऑन रहता था. उसपर ग्राफ जैसा रेखा ऊपर नीचे होता दिखाई देता था. इसके बारे में वह किसी को कुछ भी जानकारी नहीं दी है. पिछले सात माह से घर पर ही रह रहा था.

300 प्रतिशत अधिक मुनाफा देने का वादा,ऐसे झांसे में फंसाता था..

क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर 17 माह में लगायी गयी राशि की 300 प्रतिशत अधिक मुनाफा देने का वादा करके शशि शंकर कुमार उर्फ विक्की लोगों को अपनी जाल में फंसाता था. रुपये इन्वेस्ट करने बाद चेन मार्केटिंग के तर्ज पर जाल में फंसे लोगों से उनके परिचित व रिश्तेदार का भी पैसा लगाया था. इसके बाद जिस साइट के माध्यम से पैसा लगाया जाता था, उसे बंद कर ये शातिर फरार हो जाते थे.

रांची के साइबर थाने में दर्ज हुआ था केस

रांची के साइबर थाने में नौ नवंबर 2023 को दर्ज प्राथमिकी में झारखंड के बोकारो के चास थाना के आदर्श कॉलोनी चास निवासी संतोष कुमार ने बताया था कि चार साल पहले हरियाणा के गुड़गांव में शशि शंकर कुमार उर्फ विक्की कुमार से मुलाकात हुई थी. उसके साथ दो साल तक गोल्ड बांड बिजनेस किया था. इस दौरान उसने कहा कि अब गोल्ड बांड बिजनेस ज्यादा दिन तक मार्केट में नहीं चलेगा. इसके बाद आरोपित शशि शंकर कुमार जनवरी 2021 में अपने साथ एक और व्यक्ति को लेकर उसके आवास पर पहुंचा. अपने साथ लाये व्यक्ति की पहचान अमित जायसवाल के रूप में करायी. उसने कहा कि ये उनके नये बिजनेस क्रिप्टो में एसोसिएट पार्टनर हैं. बोकारो में ही बालीडीह थाना क्षेत्र में इनका ऑफिस चल रहा है. यह एक लंदन बेस कंपनी है. इसका वेबसाइट www.oropay.io.in है.

ऐसे झांसे में लिया..

शशि शंकर ने अमित जयसवाल को इस कंपनी का इंडिया हेड बताया. उसने कहा कि यह कंपनी क्रिप्टो करेंसी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मी मदद से ट्रेडिंग करती है. यह कंपनी कई स्तर पर काम करती है. इस सीधा जुड़ाव स्टॉक एक्सचेंज से होता है. उसने कहा कि जो पैसा इसमें इनवेस्ट होगा, उसे ट्रोन क्रिप्टो जो इंटरनेशनल क्रिप्टो करेंसी है, वह विदेशी मुद्रा को रुपये में कन्वर्ट कर देगी. दोनों ने उनसे वादा कि अगर कोई व्यक्ति ओरोपे डॉट आइओ में निवेश करता है तो आर्टिफिशियल ट्रेडिंग क्रिप्टो स्टॉक मार्केट की ओर 300 प्रतिशत अधिक रुपये 13 से 17 महीने बाद मिलेगा. यह दो तरह का प्लान है. इसके अलावा और कई प्लान के बारे में दोनों ने इसकी जानकारी दी. तरहतरह प्रलोभन देकर दोनों शातिर ने उसको जाल में फांस लिया. पहले वह शशि शंकर कुमार के साथ काम कर चुका था. इस वजह से उसके प्रोभन में आकर वह क्रिप्टो करेंसी में पैसा इन्वेस्ट करने को तैयार हो गया. साथ ही औरो को भी इससे जुड़ने के लिए तैयार कर लिया.

दर्जनों लोगों को जोड़ा, जूम मीटिंग से देता था निर्देश

उसने अपने साथ गोपाल प्रजापति, प्रथा सारथी धार, हर्षित प्रसाद, रंजीत कुमार मंडल, राजेश ताना भगत, विनोद सत्यार्थी, राजेश कुमार सिंह, संजय कुमार पासवान, राजेंद्र महतो, इंद्रजीत मुखर्जी और जितेंद्र कुमार यादव समेत दर्जनों लोगों को जोड़ा ये सभी लोग क्रिप्टो करेंसी एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड स्कीम में पैसा लगाया था. इसके बाद वह जितनों को जोड़ा था वह नए लोगों को जोड़ने लगा. जुलाई 2021 में ओरोपे ने डीजीएफआइ नाम से एक टोकन लांच किया. इसके बाद दोनों आरोपितों ने जूम के माध्यम से मीटिंग कर इसे पब्लिक में भी बेचने की बात कही. उसने कहा कि इसको बिटक्वाइन के तर्ज पर बढ़ाना है.

करोड़ों की ठगी के बाद वेबसाइट बंद

मार्केट से एक करोड़ से अधिक रुपये निवेश कराने के नाम ठगी करने के बाद 2022 के बाद यह ओरोपे डॉट आइओ काम करना बंद कर दिया. दोनों आरोपित से पूछा, तो बताया कि कंपनी को ब्लॉक पे नाम से शिफ्ट कर दिया गया है. कुछ दिनों बाद मेंटेनेंस की बात कह सभी को भरोसा दिया. इसके बाद वे फरार हो गये.

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