– अररिया कॉलेज और जीडीएस कॉलेज फारबिसगंज के खिलाड़ी गोवा में हुई प्रतियोगिता में हुए थे शामिल पूर्णिया. मणिपुर की युद्ध कला थांग-ता पर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अररिया कॉलेज ने शानदार प्रदर्शन किया. शनिवार को इन खिलाड़ियों से मिलते हुए कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह ने कहा कि खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए विवि पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. वर्ष 2025 की राष्ट्रीय थांग-ता प्रतियोगिता 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक मडगांव गोवा में आयोजित हुई थी. उसमें अररिया कॉलेज, अररिया तथा जीडीएस कॉलेज, फारबिसगंज के खिलाड़ियों ने भाग लेकर पदक जीते. सीनियर बालिका वर्ग में अररिया कॉलेज की छात्रा ज्योति कुमारी ने रजत पदक जीतकर महाविद्यालय का गौरव बढ़ाया. वहीं जीडीएस कॉलेज, फारबिसगंज की छात्रा ईशिका कुमारी तथा प्रियंका कुमारी ने कांस्य पदक प्राप्त किया. इससे पहले राष्ट्रीय थांगता प्रतियोगिता का आयोजन 4 जनवरी से 6 जनवरी तक हरिद्वार उत्तराखंड में किया गया था. प्रतियोगिता के सीनियर बालक वर्ग में अररिया कॉलेज के छात्र दिवाकर कुमार ने रजत पदक जीतकर सफलता प्राप्त की.वहीं सीनियर बालिका वर्ग में ईशा कुमारी ने रजत पदक तथा खुशी कुमारी ने कांस्य पदक हासिल किया. इनके प्रशिक्षक संतोष कुमार को भी सीनियर वर्ग में कांस्य पदक विजेता घोषित किया गया. इन सभी खिलाड़ियों को बिहार सरकार ने बिहार खेल सम्मान से भी सम्मानित कियाहै. वीसी से मुलाकात के दौरान अररिया कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. आर डी पासवान भी मौजूद रहे. यह है थांग-ता बता दें कि थांग-ता मणिपुर की एक प्राचीन और पारंपरिक मार्शल आर्ट युद्ध कला है, जिसका शाब्दिक अर्थ है तलवार और भाला . थांग का मतलब तलवार, ता का मतलब भाला. यह मणिपुर के मैतेई समुदाय की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, जिसमें तलवार, भाला और खंजर जैसे हथियारों का इस्तेमाल होता है. साथ ही इसमें श्वास और लयबद्ध गतियों पर भी जोर दिया जाता है. इसे खेल व अनुष्ठानों के रूप में भी अपनाया जाता है.
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