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जिले में करीब डेढ़ लाख वोटरों ने जमा किये गणना प्रपत्र

निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश के अनुसार 25 जून से शुरू हुए मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य को लेकर जिले के सभी प्रखंडों में तेजी से काम चल रहा है.

विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य. पूरे जिले में युद्धस्तर पर चल रहा पुनरीक्षण कार्य, घर-घर पहुंच रहे बीएलओ

पूर्णिया. निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश के अनुसार 25 जून से शुरू हुए मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य को लेकर जिले के सभी प्रखंडों में तेजी से काम चल रहा है. बीएलओ द्वारा मतदाताओं के घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरण का कार्य भी जोरों पर हैं. वहीं मतदाताओं द्वारा भरे गये प्रपत्रों को भी संकलित किया जा रहा है. जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार तक लगभग डेढ़ लाख लोगों द्वारा भरकर समर्पित किये गये गणना प्रपत्र को अपलोड भी कर दिया गया है. इस अभियान को निर्धारित तिथि 26 जुलाई तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है. इस कार्य के लिए दोनों विधियां अपनायी जा रही हैं. एक तो बीएलओ द्वारा सामान्य तौर पर घर-घर जाकर फॉर्म भरवाया जा रहा है. दूसरी ओर इसके लिए निर्वाचन आयोग के वेब साइट पर भी लोगों को ऑन लाइन प्रपत्र भरने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. यह पुनरीक्षण कार्य, वर्ष 2003 में जारी किये गये मतदाता सूची को आधार मानकर किया जा रहा है. मुख्य रूप से यह निर्वाचक सूची का शुद्धिकरण है जिसके तहत वर्ष 2003 के बाद से लेकर अब तक वास्तविक मतदाताओं की स्थिति को अद्यतन किया जाना है.

कोई योग्य मतदाता छूटे ना

इस वर्ष जनवरी माह में जारी मतदाता सूची के अनुसार जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 23 लाख 36 हजार 829 है. इनमें 11 लाख 56 हजार 702 पुरुष मतदाता हैं, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 10 लाख 80 हजार 49 है वहीं 78 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. इन सभी के द्वारा यह गणना फॉर्म भरा जाना है. कोई योग्य मतदाता छूटे ना के सिद्धांत को लेकर बीएलओ प्रत्येक घर तक पहुंच रहे हैं. जबकि पूर्व में वितरित किये गये गणना फॉर्म को वापस संग्रह भी कर रहे हैं.

कुछ मतदाताओं के बीच उहापोह की स्थिति

चल रहे गहन पुनरीक्षण कार्य में मतदाताओं से मांगे जा रहे प्रमाण को लेकर लोगों में थोड़ी उहापोह की स्थिति भी बनी हुई है. जहां लोग बीएलओ द्वारा बतायी जा रही बातों को समझ रहे हैं वैसे स्थानों के इतर समर्पित किये जानेवाले दस्तावेजों को लेकर लोगों में परेशानी के भाव हैं. इसके अलावा जिनके परिजन या घर के सदस्य कुछ समय से अनुपस्थित हैं अथवा बाहर रह रहे हैं उनके चेहरे पर भी शिकन है. दूसरी ओर कुछ लोगों के नाम जारी मतदाता सूची से गायब हैं वे भी अलग परेशान हाल हैं. कुल मिलाकर ऐसे सभी मामलों का समाधान भी बीएलओ के ही माध्यम से किया जाना है.

ग्यारह प्रकार के कागजातों का दिया गया है विकल्प

जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, सभी मतदाताओं द्वारा घोषणा पत्र में भरे गये विवरणी की पुष्टि के लिए कुल ग्यारह तरह के प्रमाणपत्रों के विकल्प दिए गये हैं. ये मतदाता की पहचान, जन्मतिथि या पता के सत्यापन के लिए जरूरी हैं. मतदाता आवश्यकतानुसार उनमें से कुछ को अपने घोषणा पत्र में शामिल कर सकते हैं. इसके तहत 1 जुलाई 1987 के पूर्व के जन्मतिथि वालों के लिए ग्यारह में से किसी एक दस्तावेज की जरूरत पड़ेगी, जबकि इस तिथि से लेकर 2 दिसंबर 2004 तक जन्म तिथि वाले मतदाताओं के लिए स्वयं के अतिरिक्त माता अथवा पिता से संबंधित दस्तावेज, वहीं 2 दिसम्बर 2004 के बाद की तिथि में जन्म लेने वाले मतदाताओं को स्वयं के अलावा माता और पिता सभी के दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी.

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