पूर्णिया. सोमवार से शुरू बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में शामिल हुए करीब 35 हजार परीक्षार्थियों का अतिरिक्त बोझ आखिर अपना शहर नहीं झेल सका. परीक्षा को लेकर शहर में सोमवार को सुबह से ही भीड़ बढ़ी रही, जिसके कारण शहर में जगह-जगह जाम की समस्या से लोग हलकान रहे. एक तरफ रामबाग में होप चौक से एमआइटी के पहले मोड़ तक और दूसरी तरफ कचहरी-डॉलर हाउस चौक के बीच सुबह और शाम अफरा-तफरी का माहौल रहा. हालांकि पुलिस अपने तई पूरे दिन जुटी रही पर परीक्षा शुरू होने से पहले और फिर समाप्त होने के बाद सड़कों पर भीड़ बनी रही. गौरतलब है कि बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा सोमवार से शुरू हुई है. परीक्षा के लिए शहरी क्षेत्र में अलग-अलग सेंटर बनाए गये हैं. शहर के प्रबुद्ध नागरिकों की मानें यहां अभी भी आबादी और वाहनों की संख्या के हिसाब से सड़कें चौड़ी नहीं हो सकी हैं जबकि परीक्षा के दौरान बाहर से आने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों का अतिरिक्त बोझ भी इन्हीं सड़कों को झेलना होता है. परीक्षा के सीजन में अमूमन हर साल यही स्थिति रहती है. सोमवार को मैट्रिक परीक्षा के पहले दिन रामबाग रोड और कचहरी रोड सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ जबकि सेंटर वाले स्कूलों से जुड़ी अन्य सड़कों पर भी इसका असर रहा. सोमवार को रामबाग में होप चौक से मिल्लया कान्वेंट मोड़ के बीच कई चरणों में जाम लगा. इसका प्रभाव एक तरफ रेलवे गुमटी व पिंक सिटी चौक तक और दूसरी तरफ पोस्टमार्टम रोड तक पड़ा. इससे परीक्षार्थियों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ी. आलम यह था कि तीन पहिया और चार पहिया वाहनों ने एक तरफ से डबल लाइन बना दिया तो वहीं थोड़ी सी जगह मिलने के बाद बाइक चालक ओवरटेक कर सड़क को पूरी तरह जाम कर बैठे. इसके कारण भी अनावश्यक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई. यही दृश्य राजकीय बालिका उच्च विद्यालय जाने वाले कचहरी रोड़ में भी नजर आया. परीक्षा से पहले और बाद में छुट्टी के दौरान परीक्षार्थियों का हुजूम बढ़ गया. इस दौरान परीक्षा केंद्रों के इर्द-गिर्द दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों के पार्किंग के कारण भी यह समस्या हुई.
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