जलालगढ़. कृषि विज्ञान केन्द्र जलालगढ पूणि॔या के परिसर में चल रहे पांच दिवसीय कृषि सखियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया. इस अवसर पर केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ के एम सिंह सहित सहनिदेशक कृषि रसायन एवं सहनिदेशक सस्य प्रक्षेत्र, वैज्ञानिकों एवं कृषि सखियों ने भाग लिया. कृषि सखियों को प्रशिक्षण के उपरांत प्रमाण पत्र तथा साथ में प्राकृतिक खेती के प्रत्यक्षण के लिए आवश्यक सामाग्री गुड़ एवं बेसन भी उपलब्ध कराया गया. पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषि विभाग ने पूणि॔या के 12 प्रखंडों के 24 कृषि सखियों केंद्र के वरीय वैज्ञानिक द्वारा मृदा स्वास्थ्य, फसल उत्पादन, बीज एवं पौध सामग्री, फसलों के प्रमुख कीट एवं रोग, कृषि सखियों की प्राकृतिक खेती में भूमिका विषय पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया. साथ ही कृषि सखियों को कृषि विज्ञान केन्द्र में लगे हुए प्रत्यक्षण इकाई में तिल की खेती हल्दी की खेती तथा प्राकृतिक खेती के घाटको जैसे बीजाअमृत, जीवामृत, घनजीवामृत निमास्त्र आदि के बनाने के प्रायोगिक गुर भी सिखाए गए. कृषि सखियों को ग्राम सापा रहिका के प्रगतिशील किसान सीताराम मेहता की प्राकृतिक खेती के प्रक्षेत्र का भ्रमण कराया गया जिसमें केला मक्का एवं फूल गोभी फसलों के उत्पादन करने के तरीकों को सिखाया गया. मौके पर मृदा स्वास्थ्य को बरकरार रखकर कृषि रसायनों से बचने हेतु प्राकृतिक खेतों के नवाचार को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया.
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