जारी विज्ञप्ति में महासंघ नेता ने कई पत्रों के पत्रंक संख्या और अधिकारियों के निर्देश का हवाला देते हुए कहा है कि लाखों रुपये के घोटाले के आरोप में जांच से गुजरने वालों का जवाब देने के बजाय उक्त कनीय अभियंता 29 जून 2011 को मोतिहारी में स्थानांतरित कर दिये गये थे, मगर आज भी वे पूर्णिया में कार्यरत हैं, जो कहीं न कहीं उनके अप्रोच और उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच को प्रभावित करने पर शंका उत्पन्न करता है.
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घोटाले के आरोप में जांच की शिथिलता पर उठने लगे सवाल
पूर्णिया: राष्ट्रीय उच्च पथ पूर्णिया के कनीय अभियंता पर महासंघ नेताओं की ओर से लगाये गये घोटाले के आरोप में जांच की गति शिथिल होने पर नेताओं ने सवाल खड़े किये हैं. उक्त संबंध में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष केशव कुमार गिरि ने विभाग के कार्यपालक अभियंता राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल […]
पूर्णिया: राष्ट्रीय उच्च पथ पूर्णिया के कनीय अभियंता पर महासंघ नेताओं की ओर से लगाये गये घोटाले के आरोप में जांच की गति शिथिल होने पर नेताओं ने सवाल खड़े किये हैं. उक्त संबंध में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष केशव कुमार गिरि ने विभाग के कार्यपालक अभियंता राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल पूर्णिया की ओर से जांच प्रतिवेदन में विलंब पर सवाल उठाया है.
क्या है मामला : मालूम हो कि एन एच निरीक्षण भवन के चौकीदार कैलू एवं केयर टेकर रामदेव यादव की ओर से विभाग के कनीय अभियंता राज किशोर प्रसाद पर विभाग कई सामानों की बिक्री कर लाखों रुपये गबन करने का आरोप लगा कर 13 मार्च 13 को अधीक्षण अभियंता पूर्णिया को लिख कर इसकी जांच की मांग की थी. इसके कई पत्रचार हुए, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट नहीं आने के बाद कर्मचारी महासंघ ने उक्त मामले पर अपनी दखल बढ़ाते हुए कई सवाल खड़े किये हैं.
ये है आरोप : जारी विज्ञप्ति के अनुसार महासंघ ने शीशम, नीम, लिपटस के पेड़, लोहे का गेट, अलकतरा ड्राम को खुले बाजार में बेच कर रुपया गबन करने का आरोप कनीय अभियंता पर लगाया है. उसकी जांच की मांग कर विलंब होने पर भी सवाल उठाये हैं.
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