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सूरत की घटना पर चेता शिक्षा विभाग, अब स्कूली बच्चे सीखेंगे आपदा से बचाव के गुर

पूर्णिया : गुजरात के सूरत के शिक्षण संस्थान में हुए अग्निकांड से शिक्षा विभाग ने सबक लिया है. अब स्कूलों में बच्चों को आपदा प्रबंधन से बचाव के गुर सिखाए जाएंगे ताकि आपात स्थिति में वे खुद की हिफाजत कर सकें. इस सिलसिले में शुक्रवार को टाउन हॉल में मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत […]

पूर्णिया : गुजरात के सूरत के शिक्षण संस्थान में हुए अग्निकांड से शिक्षा विभाग ने सबक लिया है. अब स्कूलों में बच्चों को आपदा प्रबंधन से बचाव के गुर सिखाए जाएंगे ताकि आपात स्थिति में वे खुद की हिफाजत कर सकें. इस सिलसिले में शुक्रवार को टाउन हॉल में मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत प्रमंडलस्तीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया.

इसमें प्रमंडल के चारों जिले पूर्णिया, अररिया, कटिहार व किशनगंज के शिक्षा अधिकारियों और आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक दिनेशचन्द्र देव ने कहा कि राज्य सरकार ने विद्यालय स्तर पर आपदा प्रबंधन अभियान चलाने का निर्णय लिया है. इस अभियान को सफल बनाने और आपदा से बचाव को लिए बच्चों को तैयार करने में हमें अपनी जिम्मेदारी का समुचित निर्वहन करना है.
इसपर पूर्णिया के डीईओ श्यामबाबू राम, किशनगंज डीईओ रतीश कुमार झा, अररिया डीईओ अशोक झा और कटिहार डीईओ देवबिंद सिंह ने अपने-अपने जिले में विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम को अक्षरश: लागू करने के प्रति आश्वस्त किया. मंच संचालन शिक्षिका सुचित्रा सिंहा ने किया. कार्यक्रम में आरडीडीई कार्यालय के मनीष कुमार, डीईओ कार्यालय के राजीव कुमार झा, मो़ जब्बार, विकास कुमार, मीडिया प्रभारी मनोहर सिंह आदि ने अहम भूमिका निभायी.
कई प्रखंडों से प्रतिनिधियों के शामिल नहीं होने पर जतायी नाराजगी . एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम में प्रमंडल के सभी 46 प्रखंडों के बीईओ, जिलों के डीपीओ को शामिल होने का निर्देश आरडीडी ने दिया था. मगर कई प्रखंडों का प्रतिनिधित्व नदारद रहा. इसका खुलासा तब हुआ जब राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के कार्यक्रम पदाधिकारी पल्लव कुमार ने उपस्थिति की जानकारी ली. प्रखंडों से कम उपस्थिति रहने पर नाराजगी भी प्रकट की.
3 करोड़ बच्चे शेष 8 करोड़ आबादी को करेंगे जागरूक
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के कार्यक्रम पदाधिकारी पल्लव कुमार और नवनीत कुमार ने मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभायी. पीओ पल्लव कुमार ने कहा कि बिहार में 6 से 14 आयुवर्ग के तीन करोड़ बच्चे बिहार के प्रारंभिक स्कूलों में नामांकित हैं. इन बच्चों को आपदा से बचाव का तरीका सिखाने का मकसद यह भी है कि शेष 8 करोड़ की आबादी तक भी जागरूकता फैले. उन्होंने कहा कि बच्चों की सहज आदत होती है कि वे सीखने की प्रक्रिया में बार-बार किसी चीज को दोहराते हैं.
सूरत और महाराष्ट्र की घटना की भी हुई चर्चा
आपदा प्रबंधन के जानकारों ने सूरत और महाराष्ट्र की घटना का जिक्र किया. इसमें बताया गया कि सूरत अग्निकांड में जागरूकता का अभाव और भय के कारण अधिक दर्दनाक मंजर देखने को मिला. जबकि महाराष्ट्र की एक घटना में एक छात्रा को आपदा प्रबंधन की जानकारी रहने के कारण 15 लोगों की जान बचायी जा सकी. इसलिए स्कूली बच्चों को आपदा प्रबंधन का गुर सिखाने का निर्णय लिया गया है ताकि पीढ़ी दर पीढ़ी जागरूकता में इजाफा हो सके.

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