पूर्णिया : सोमवार को गुलाबबाग में एक बार फिर महाजाम लग गया जिससे लगा कि पूरा शहर सड़कों पर ठहर गया हो. जाम भी इस कदर कि पैदल निकलने की कोई गुंजाइश नहीं. छोटे-बड़े वाहनों से पूरी तरह पैक सड़क पर गाड़ियां दिन भर रेंगती रहीं. जाम की वजह से गुलाबबागवासियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जाम में एक तरफ एम्बुलेंस में मरीज कराहते रहे, तो दूसरी तरफ स्कूली बसों में बच्चे भूख-प्यास से बिलबिलाते रहे.
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गुलाबबाग में लगा महाजाम सड़क पर ठहर गये शहरवासी
पूर्णिया : सोमवार को गुलाबबाग में एक बार फिर महाजाम लग गया जिससे लगा कि पूरा शहर सड़कों पर ठहर गया हो. जाम भी इस कदर कि पैदल निकलने की कोई गुंजाइश नहीं. छोटे-बड़े वाहनों से पूरी तरह पैक सड़क पर गाड़ियां दिन भर रेंगती रहीं. जाम की वजह से गुलाबबागवासियों को खासी दिक्कतों का […]
गुलाबबाग में जाम नासूर बन गया है. शहर के इस हिस्से को जाम से मुक्ति दिलाने के तमाम प्रयास नाकाम होकर रह गये हैं. सोमवार को गुलाबबाग जीरोमाइल से बेलौरी के बीच पर घंटों जाम लगा रहा और लोग कड़ी धूप व भीषण गर्मी में जाम के बीच फंसे रहे. इससे पहले भी यहां इसी तरह जाम लगा हुआ था. जाम का आलम यह है कि कभी-कभी वाहनों का रेंगना तक मुश्किल हो जाता है और पूरी ट्रेफिक व्यवस्था स्थिर हो जाती है.
दरअसल, गुलाबबाग के जीरोमाइल चौराहे पर अब जाम आम बात हो गयी है. इससे छुटकारा दिलाने के लिए फिलहाल किसी भी तरह की कोई पहल नही दिख रही है. यातयात व्यवस्था और यातायात कानून यहां पूरी तरह फ्लॉप है. विडम्बना है कि नेशनल हाइवे पर लगने वाले जाम को लेकर भी प्रशासन गंभीर नहीं है.
आलम यह है कि प्रति दिन जाम लगने से व्यापार और बाजार दोनों प्रभावित हो रहे हैं. आम आदमी स्वाभाविक रुप से प्रभावित हैं. हालांकि यातायात पुलिस की सख्ती से गुलाबबाग मार्केट में जाम से थोड़ी राहत जरुर मिली है पर नेशनल हाइवे जाम होने से व्यापार पूरी तरह प्रभावित हो रहा है. इससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है. समस्या का समाधान हो तो लोगों को परेशानी से राहत मिले.
धर्मकांटा बना है जाम का बड़ा कारण
गुलाबबाग में घनी आबादी और मुख्य सड़क से सटकर अवस्थित धर्मकांटा जाम का बड़क कारण बना हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अनाज लदे वाहन पहले मंडी के अंदर बिक्री के लिए जाते हैं. सौदा होने के बाद मापी कराने के लिए वे धर्मकांटा आते हैं और फिर अनलोडिंग के लिए सम्बन्धित व्यापारियों के गोदाम तक जाते हैं.
अनाज लदे वाहनों की संख्या इतनी अधिक होती है कि सभी बेतरतीब तरीके से धर्मकांटा के सामने लाइन लगा कर गाड़ी रोक रखते हैं. इससे अमूमन आधी सड़क उनके कब्जे में हो जाती है. यह स्थिति गुलाबबाग में चहुंओर बनी है जिससे जाम लगना स्वाभाविक है क्योंकि मुख्य सड़क से नेपाल, बंगाल, असम जाने वाले वाहनों के अलावा लोकल वाहन भी गुजरते हैं.
बड़ी कॉर्मिशयल गाड़ियों से भी लगता है जाम
सोमवार को जाम में फंसे यात्रियों और व्यापारियों ने ट्रैफिक की इस लचर व्यवस्था पर रोष जताया और कहा कि यातायात पुलिस आम आदमी का चालान काटती है पर यहां बड़ी कॉर्मिशयल गाड़ियां अनियंत्रित होकर जाम उत्पन्न करती हैं. उनका कहना था कि अगर यातायात पुलिस यहां भी जुर्माना का चालान काटे तो जाम से काफी हद तक राहत मिल सकती है.
जाम में फंसे जोगबनी निवासी रामचंदर दास ,अररिया के शिव शम्भू साह ,किशनगंज के प्रमोद साहू और दालखोला के रोहित अग्रवाल ने कहा कि यातायात के नियमों का अनुपालन कराए जाने की जरुरत है. यह शिकायत आम है कि यहां यातयात नियमों का अनुपालन नही होता है.
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