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किसानों का सम्मान कर प्रभात खबर ने शुरू की नयी परंपरा, बोली किसान चाची- गौरवान्वित हुई

पद्मश्री किसान चाची राज कुमारी देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमीन से जुड़े किसानों को पद्मश्री सम्मान देकर देश के करोड़ों किसानों मान बढ़ाया था. उसी परंपरा को आगे बढ़ाने का काम प्रभात खबर ने किया है. कृषि क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले लोगों को हर साल इस तरह का सम्मान मिलना चाहिए.

पटना. पद्मश्री किसान चाची राज कुमारी देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमीन से जुड़े किसानों को पद्मश्री सम्मान देकर देश के करोड़ों किसानों मान बढ़ाया था. उसी परंपरा को आगे बढ़ाने का काम प्रभात खबर ने किया है. कृषि क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले लोगों को हर साल इस तरह का सम्मान मिलना चाहिए. बिहार किसान सम्मान प्राप्त कर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. इससे किसान कृषि क्षेत्र में परंपरागत और नयी तकनीक से खेती-किसानी करने के लिए उत्साहित होंगे. उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में प्रभात खबर इससे बड़ा सम्मान समारोह का आयोजन करेगा.

शंभू शरण भारतीय, मधेपुरा

पिछले 17 सालों से औषधीय पौधे की खेती कर रहा हूं. साथ ही अन्य किसानों को प्रोत्साहित कर रहा हूं. इसका मुख्य उद्देश्य घाटे की सौदा साबित हो चुकी खेती को लाभकारी बनाने और कृषि को सम्मानजनक पेशा में बदलना. बिहार किसान सम्मान पाकर काफी उत्साहित हूं. इस तरह के सम्मान से किसानों का हौसला बढ़ता है. प्रभात खबर ने सूबे के किसानों का महत्व समझा है. इससे अन्य किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा और कृषि क्षेत्र में नवाचार प्रयोग करेंगे.

रामजी सिंह, (वैशाली पातेपुर)

केला उत्पादन के क्षेत्र में हो रहे नये-नये प्रयोगों के कारण किसानों में केले की खेती के प्रति रुझान बढ़ा है. इससे किसानों की आमदनी में लगातार इजाफा हो रहा है. केले की नयी प्रजाति की खेती हो, इस पर काम करने की जरूरत है. बिहार किसान सम्मान पाकर बहुत अच्छा लग रहा है. इससे जिले के अन्य किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा. इस तरह का आयोजन समय-समय पर हो, तो अच्छा होगा. इसका आगाज प्रभात खबर ने कर दिया है.

उमाशंकर सिंह (कैमूर)

फिलहाल परंपरागत से हट कर खेती करना ही ठीक है. इसी में किसानों को मुनाफा है. सूबे में भी अन्य राज्यों की तरह कृषि क्षेत्र में बदलाव हो रहा है. तकनीक का जमाना है. इसका लाभ किसानों को मिल रहा है. यह सच है कि अभी केवल बड़े और मंझौले किसान ही इसका लाभ उठा रहे हैं. प्रभात खबर का बिहार किसान सम्मान पार मैं काफी अभिभूत हूं. प्रभात खबर ने किसानों को सम्मान और उनके जीवन को समझने का काम किया है. किसानों का दुख समझने वाला केवल प्रभात खबर है.

रंजली देवी, (बाढ़)

वैसे तो राज्य में सैकड़ों किसान मशरूम की खेती करने में जुटे हैं, लेकिन अास्टर मशरूम की खेती बहुत कम ही लोग कर रहे हैं. उनमें से एक मैं हूं. सूबे में सबसे बड़ी समस्या मार्केटिंग की है. कम पूंजी से मशरूम की खेती शुरू की थी, लेकिन आज एक अच्छे मुकाम पर पहुंच गयी हूं. जब प्रभात खबर दफ्तर से सम्मानित होने की जानकारी मिली, तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा. यह सम्मान कर्म और मेहनत को मिला है. कृषि क्षेत्र में जो किसान अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हें सम्मान मिलना चाहिए. इससे अन्य किसानों को प्रेरणा मिलेगी.

दिलीप कुमार सिंह (सासाराम)

मेरा फोकस इंटरप्रोकिंग (अंतरवर्ती खेती) पर है, क्योंकि खेती योग्य भूमि का लगातार जिस प्रकार दोहन हो रहा है, उससे खेत की उर्वरा शक्ति का ह्रास हो रहा है. साथ ही प्रति इकाई उत्पादन भी घट रहा है. एकल फसल पद्धति की अपेक्षा अंतरवर्ती फसल पद्धति से मिट्टी स्वास्थ्य को भी बनाये रखने में मदद मिलती है. अंतरवर्ती फसलोत्पादन से किसान चाहे, तो वर्ष भर आवश्यकतानुसार आमदनी प्राप्त कर सकता है. सम्मान तो सम्मान होता है. प्रभात खबर ने पूरे सूबे से किसानों का चयन कर सम्मानित किया है, यह सराहनीय काम है. सम्मान की शुरुआत से सूबे के करोड़ों किसान प्रोत्साहित होंगे.

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