संवाददाता,पटना
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि वह कृषि प्रधान राज्य बिहार में सबसे अधिक फूड प्रोसेसिंग यूनिट देखना चाहते हैं. शनिवार को होटल मौर्या के सभागार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और पीएचडी चैंबर काॅमर्स की ओर से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए चिराग पासवान ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के महत्व को बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र के लिए जमीनी स्तर पर काम करने से भारत की आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने में मदद मिल सकती है.
उन्होंने सबसे बड़े किसानों में से एक राज्य के रूप में बिहार के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी ताकत में एक बड़ी भूमिका निभानी है. क्षेत्र में कृषि उपज के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण की अधिक से अधिक इकाइयां स्थापित कर खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र को रोजगार के क्षेत्र के रूप में देखना चाहते हैं. राज्य सरकार लाभार्थियों को प्रोत्साहन प्रदान करने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करती है और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय अपने सभी स्टेक होल्डर को सर्वोत्तम सहायता देना चाहता है.
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने इस बात पर भी जोर दिया गया कि दुनियाभर में भोजन की बर्बादी के कारण काफी नुकसान हो रहा है. प्रसंस्करण ही खाद्य सुरक्षा और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है. कार्यशाला में आये प्रतिभागियों ने कई सुझाव दिये, जिसे केंद्रीय मंत्री ने संबंधित मंत्रालयों को भेज देने का आश्वासन दिया. कार्यशाला में आये खाद्य उद्याेग प्रसंस्करण मंत्रालय मोफपी के अतिरिक्त सचिव मिन्हाज आलम ने वर्ल्ड फूड इंडिया की यात्रा की रूपरेखा प्रस्तुत की. पीएचडी चैंबर के महासचिव डाॅ रणजीत मेहता ने मोफपी के प्रयासों की सराहना की. खाद्य एवं कृषि निदेशक मिली दुबे ने बताया कि कैसे हमें भारत के खाद्य पदार्थ को सुरक्षित बनाने के लिए प्रसंस्करण के क्षेत्र में पहल की आवश्यकता है.
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