Women Day 2025: पटना. राज्य में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर अंकुश लगाने और पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता पहुंचाने के लिए सरकार ने वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है. वर्तमान में बिहार में 39 वन स्टॉप सेंटर कार्यरत हैं, जिनका लाभ अब तक 4,402 पीड़ित महिलाओं को मिल चुका है. सरकार अब इन केंद्रों का विस्तार कर हर जिले और पंचायत स्तर तक पहुंचाने की योजना बना रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी त्वरित सहायता मिल सके.
क्या है वन स्टॉप सेंटर
वन स्टॉप सेंटर का मुख्य उद्देश्य हिंसा पीड़ित महिलाओं को त्वरित राहत और कानूनी सहायता प्रदान करना है. इन केंद्रों पर महिलाओं को चिकित्सकीय, कानूनी और परामर्श सेवाएं एक ही स्थान पर नि:शुल्क दी जाती हैं. जरूरतमंद महिलाओं के लिए पांच दिनों तक ठहरने की भी सुविधा मिलती है, जिसे विशेष परिस्थितियों में 10 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है.
ग्रामीण इलाकों तक पहुंचेगी सुविधा
राज्य सरकार ने विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में ओएससी की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रयास तेज किये हैं. इसके तहत हर जिले में केंद्रों की संख्या बढ़ाई जायेगी. हर सप्ताह एक पंचायत में जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा, ताकि महिलाएं इसकी सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें. समाज कल्याण विभाग ने योजना को जल्द अमल में लाने की तैयारी तेज कर दी है.
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल बन रहे हैं, जहां वे बिना किसी भय के अपनी समस्याएं साझा कर सकती हैं और उचित समाधान प्राप्त कर सकती हैं. इन केंद्रों का विस्तार महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है. सरकार की योजना है कि हर जिले और ब्लॉक स्तर तक ओएससी केंद्रों की पहुंच हो, ताकि पीड़ित महिलाओं को न्याय और मदद के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े. समाज कल्याण विभाग के वरीय अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही ओएससी केंद्रों का विस्तार किया जायेगा और इसकी कार्ययोजना को मूर्त रूप दिया जायेगा.
Also Read: Women Day 2025: बिहार की बेटियों को मिल रही नई उड़ान, खेल के मैदानों में दिखा रही दम