बाबा चौहरमल महोत्सव का समापन
प्रतिनिधि, फुलवारीशरीफ
बाबा चौहरमल महोत्सव का समापन बुधवार की रात रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ. दो दिवसीय इस महोत्सव में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटे और बाबा चौहरमल की स्मृति में आयोजित कार्यक्रमों का आनंद उठाया. फुलवारीशरीफ के चौहरमल स्थान मैदान में देर रात तक गूंजते रहे ढोल-मंजीरे, गूंजती रही वीर रस की लोकगाथाएं.
महोत्सव के अंतिम दिन लोक कलाकारों द्वारा पेश आल्हा-रूदल की वीरगाथा पर आधारित गीत-संगीत और नृत्य ने श्रद्धालुओं को मुग्ध कर दिया. पारंपरिक लोक परंपराओं से सजे इन कार्यक्रमों में भोजपुरी, मगही और फोक नृत्य की भी सुंदर झलक देखने को मिली. श्रद्धालुओं ने बाबा चौहरमल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके दिखाये आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया. इस दौरान माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया. शिरोमणि बाबा चौहरमल की स्मृति में आयोजित इस महोत्सव ने सामाजिक समरसता, भाईचारे और परंपरा को जीवंत कर दिया. समिति अध्यक्ष दिनेश पासवान ने बताया कि महोत्सव में शामिल हुए गणमान्य व्यक्तियों ने बाबा चौहरमल के जीवन दर्शन को युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया और ऐसे आयोजनों की निरंतरता की आवश्यकता पर बल दिया. बाबा चौहरमल महोत्सव का समापन पर देर रात विधायक शकील अहमद खान पहुंचे और लोगों को चौहरमल जयंती की बधाई दी.
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