एनएमसीएच में मरीज के पैर कुतरने का मामला संवाददाता, पटना नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के हड्डी रोग विभाग में भर्ती अवधेश कुमार नाम के मरीज के पैर की अंगुलियों को चूहों द्वारा कुतरे के बाद अब अस्पताल प्रशासन की नींद खुली है. घटना के करीब चार दिन बाद अस्पताल की अधीक्षक डॉ रश्मि प्रसाद ने हड्डी रोग समेत अन्य विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया है. इसके बाद हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ ओम प्रकाश ने टीम में शामिल सदस्यों से जांच शुरू कराने का दावा किया है. दो दिनों में रिपोर्ट सौंपने की बात कही है. इतना ही नहीं, अस्पताल में चूहों को पकड़ने के लिए कुल 28 विभागों में अब ट्रैप माउस कैचर खरीद कर लगाने को कहा गया है. स्लो प्वाइजन से चूहे खत्म करेगा बॉक्स चूहों को पकड़ने के लिए अस्पताल प्रशासन ने आरएचएम पेस्ट कंट्रोल सर्विस का सहारा लेने का प्लान बनाया है. करीब 20 हजार रुपये प्रति माह लेकर अस्पताल को चूहों से मुक्ति दिलाया जायेगा. बताया जा रहा है कि वर्तमान में सफाई करने वाली निजी कंपनी को चूहा पकड़ने के लिए बॉक्स खरीदने को कहा गया है. कंपनी को अस्पताल में करीब डेढ़ लाख रुपये से 200 से अधिक रोडेंट बॉक्स लगाने को कहा गया है. रोडेंट बॉक्स के अंदर एक चिपकने वाली टेप लगी होती है. उसमें स्लो प्वाइजन युक्त केमिकल होता है. बॉक्स में जाते ही चूहा चिपक जायेगा और एक से डेढ़ घंटे के दौरान उसकी मौत हो जायेगी. ऐसा माना जाता है कि चूहा पकड़ कर कितनी दूर छोड़ आओ, वह दोबारा लौट कर नुकसान पहुंचाने लगता है. मैनेजर, लिपिक व नर्स को शो-कॉज नोटिस, वार्ड ब्वॉय निलंबित मरीज के पैरों की अंगुलियों के कुतरने के मामले को अस्पताल प्रशासन ने हड्डी रोग विभाग के वार्ड ब्वॉय को निलंबित कर दिया है, जबकि विभाग के मैनेजर, लिपिक व नर्स को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संबंधित कर्मियों पर यह कार्रवाई की गई है. वहीं, अस्पताल प्रशासन के अनुसार अगर कमेटी ने जांच में गड़बड़ी पायी, तो मैनेजर, लिपिक व नर्स पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. क्या कहती हैं एनएमसीएच की अधीक्षक मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से संबंधित विभाग के वार्ड ब्वॉय को निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा विभाग के जिम्मेदार नर्स, हेल्थ मैनेजर और लिपिक को शो-कॉज किया गया है. इसके अलावा हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष की देखरेख में कमेटी बनायी गयी है, जो जांच कर मुझे दो दिनों में रिपोर्ट देगी. जांच रिपोर्ट व स्पष्टीकरण के जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. डॉ रश्मि प्रसाद, अधीक्षक, एनएमसीएच.
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