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दिमाग से कंट्रोल होगा कंप्यूटर, आईआईटी पटना में AI पर सात दिवसीय सेमीनार का आयोजन

कार्यशाला के संयोजक प्रो जावर सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह आयोजन मस्तिष्क-प्रेरित/ न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग और जिम्मेदार एआइ के विकास में इसके संभावित अनुप्रयोगों के ज्ञान और समझ को बढ़ावा देगा.

पटना. आइआइटी पटना के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ब्रेन-इंस्पायर्ड/न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग फॉर रिस्पान्सिबल एआइ पर सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सोमवार को किया गया. इस कार्यशाला में युवा शोधकर्ताओं को उभरती कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी दी जायेगी.

मस्तिष्क से प्रेरित कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धि विकसित करने का एक आशाजनक दृष्टिकोण

कार्यशाला के संयोजक प्रो जावर सिंह ने कहा कि न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग यानि मस्तिष्क से प्रेरित कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धि विकसित करने का एक आशाजनक दृष्टिकोण है जो मानव मस्तिष्क की संरचना और कार्य की नकल करता है. यह पारंपरिक कंप्यूटिंग की सीमाओं को दूर करने और अधिक ऊर्जा-कुशल और कम-शक्ति कंप्यूटिंग क्षमताओं को सक्षम करने के लिए अपनी क्षमता पर ध्यान आकर्षित कर रहा है, जो एआइ सिस्टम के लिए आवश्यक हैं.

कार्यशाला एआइ के विकास में इसके संभावित अनुप्रयोगों के ज्ञान और समझ को बढ़ावा देगा

मस्तिष्क-प्रेरित/न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग के प्रमुख लाभों में से एक इसकी ऊर्जा दक्षता है. इसके अलावा मस्तिष्क-प्रेरित कंप्यूटिंग, मजबूत कंप्यूटिंग क्षमताओं को प्रदान करते हुए काफी कम शक्ति का उपयोग करने के लिए डिजाइन की गयी है. कार्यशाला के संयोजक प्रो जावर सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह आयोजन मस्तिष्क-प्रेरित/ न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग और जिम्मेदार एआइ के विकास में इसके संभावित अनुप्रयोगों के ज्ञान और समझ को बढ़ावा देगा.

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आइओटी दुनिया और भौतिक दुनिया के बीच का प्रवेश द्वार

अनुसंधान एवं विकास, एनएक्सपी सेमीकंडक्टर में तकनीकी कार्यक्रम प्रबंधक प्रीत यादव ने कहा कि आइओटी यानि इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिजिटल दुनिया और भौतिक दुनिया के बीच का प्रवेश द्वार है और इसे इंटरनेट और दूरसंचार लहर के बाद अगली लहर माना जा रहा है. यह मॉनिटर, प्रोसेसर, प्रोटोकॉल, ट्रान्सीवर, स्टोरेज, सेंसर आदि से सूचनाओं को एक नये तरीके से संयोजित करने में सक्षम बनाता है ताकि विश्लेषण किये गये सार्थक डेटा प्रदान किये जा सकें. कार्यशाला में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के शोधकर्ता और छात्र भाग ले रहे हैं. कार्यशाला 26 मार्च तक चलेगा.

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